राज्य के कुटीर उद्योगों को सरकार का मिले प्रोत्साहन

Cottage industries
राज्य के कुटीर उद्योगों को सरकार का मिले प्रोत्साहन Cottage industries

जनसंख्या विस्फोट के कारण कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें बेरोजगारी  सबसे प्रमुख समस्या है। इसके चलते हमें रोजगार के ऐसे अवसर स्थापित करने चाहिए, जिससे बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके। जैसे कि अगर हम देखें कि लघु और कुटीर उद्योगों (Cottage industries) से भी काफी हद तक राजस्वा हासिल किया जाता है। इसके साथ–साथ ऐसे कारीगरों को अपने जीवन यापन करने के लिए या अजीविका हेतु पैसा और संसाधन मिल जाते हैं।

हमारे राज्य में लघु और कुटीर उद्योग की संभावनाएं भी बहुत हैं, फिर भी उत्तराखंड में पलायन का सबसे बड़ा कारण रोजगार की कमी है। जहां रोजगार नहीं होगा तो वहां पर लोग आर्थिक रुप से भी कमजोर होंगे। जब लोगों की आर्थिकी मजबूत नहीं होंगी , तो वहां ना तो बाजार पनप सकते हैं और ना ही अन्य सुविधाएं बढ़ सकती हैं। जब लोग रोजगार के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं, तो परिवार भी वही शिफ्ट कर दे रहे हैं, जहाँ  बच्चे की पढ़ाई और अन्य सुविधाएं भी मौजूद है जैसे स्वास्थ्य, पानी, बिजली आदि कि सुविधाएं मौजूद हो।

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इससे पलायन कर दर्द कुछ कम रहता

जाहिर सी बात है यदि पहाड़ में रोजगार के साधन और जीवन जीने के साधन उपलब्ध हो तो ,भले ही पलायन कर लोग गांव नहीं छोड़ते, इससे पलायन कर दर्द कुछ कम रहता। दरअसल आज जरूरत है पहाड़ में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की, क्योंकि पहाड़ में बड़े उद्योग नहीं किए जा सकते भौगोलिक परिस्थिति के चलते वहां पर छोटे-छोटे उद्योग लगाए जाने चाहिए, जिनसे दो -चार लोग जुड़े हो मध्यम उद्योगों की भी कुछ जगह पर लिया जा सकता है।

कुछ जगह पर यह चल भी रहे हैं साथ ही पशुपालन और कृषि को आधुनिक तरीके से अपनाए जाने की जरूरत है क्योंकि पारंपरिक तरीकों से मेहनत भी अधिक और परिणाम नहीं आते और जरूरत के हिसाब से खेती होनी चाहिए, ताकि किसान की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जाए। साथ ही फसल क्षेत्र के जलवायु के हिसाब से बेहतर हो। इसी तरह से यह रोजगार के बारे में योजनाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे बहुत अधिक ना सही, लेकिन कुछ ना कुछ जरूर रुकेगा और बेरोजगारी और भुखमरी का दर्द झेलते वह लोग काफी राहत पा सकेंगे और गांव भी पलायन के कारण घोस्ट विलेज में तब्दील नहीं होंगे।

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