पीएम को संसद में बुला रहा विपक्ष, जब पहुंचे तो उनके सामने करते रहे हंगामा

नई दिल्ली । संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर आज भी लोकसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। सदन में पीएम को बुलाने की मांग कर रहा विपक्ष लोकसभा में पीएम की मौजूदगी में भी नारेबाजी करता रहा। विपक्षी दलों के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। वहीं लोकसभा की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए लोकसभा में बहस की मांग की।
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडु ने कहा कि सच तो ये है कि विपक्ष बहस में शामिल नहीं होना चाहता है। पीएम लोकसभा में थे लेकिन विपक्ष बहस के लिए सदन में तैयार ही नहीं था। उन्होंने कहा कि बहस से भागना और हंगामा करना विपक्ष की पिफतरत बन चुकी है। नोटबंदी के मुद्दे पर दोनों सदनों की कार्यवाही पिछले पांच दिनों से स्थगित हो चुकी है। विपक्ष पफैसले को वापस लेने की मांग को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगामा कर रहा है। दूसरी तरपफ सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पफैसला वापस नहीं होगा। बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को भी भारी हंगामा किया और सदन का कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग की। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक और पिफर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। सरकार का कहना है कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलापफ उठाया गया है। सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है. जबकि विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्यों ने मंगलवार को अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से बाहर आकर खड़े देखा गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें। नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार ने स्पष्ट कहा है कि यह पफैसला वापस नहीं होगा। उधर विपक्ष किसी भी कीमत पर पफैसला वापस लेने या पुराने नोट चलाने के लिए अधिक समय दिए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है। बुधवार को विपक्ष ने इसके विरोध में संसद के बाहर प्रदर्शन भी किया।

विपक्ष की मांग है कि पीएम मोदी संसद में आकर नोटबंदी के मुद्दे पर बात करें तो वहीं नोटबंदी के फैसले पर पक्ष और विपक्ष में रार बरकरार है। विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी के फैसले को सरकार वापस ले। सरकार है कि इस फैसले पर एक इंच भी पीछे हटने को राजी नहीं है। सीपीआईएम नेता और राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने कहा है कि जब पीएम मोदी ने खुद कहा है कि वो नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं तो फिर वो संसद में आकर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं? अगर संसद में कामकाज ठप पड़ा है तो इसकी वजह भी पीएम मोदी ही हैं। उन्होंने अपने अहंकार के चलते संसद का काम रोक रखा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की स्पष्ट सोच है कि इस मुद्दे पर बहस हो। लेकिन सवाल ये है कि क्या उन्हें बोलने का मौका मिलेगा। नोटबंदी को लेघ्कर बसपा सुप्रिमो मायावती ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्घ्होंने लोकसभा स्घ्पीकर पर उन्घ्हें बोलने के लिए समय न देने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि पीएम सब कुछ देख रहे हैं, लेकिन कुछ बोलते नहीं हैं।
मायावती का कहना है कि सरकार ने यह फैसला पूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के मद्देनजर लिया है। देश की आम जनता से पीएम को कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने इस बाबत राष्घ्ट्रपति से हस्तक्षेप करने और आम जनता को राहत देने की भी अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पीएम ने एक अच्घ्छा काम किया है तो सदन में आने में वह घबरा क्घ्यों रहे हैं।