मौलाना आजाद का जन्मदिन मनाना भूली कांग्रेस

Congress forgot to celebrate Maulana Azad birthday

Congress forgot to celebrate Maulana Azad birthday

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है आजाद
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है मौलाना आजाद का जन्मदिन

देहरादून। Congress forgot to celebrate Maulana Azad birthday देश को आजाद कराने के लिये कई बार जेल जाने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के अवसर पर कांग्रेस ने उनके चित्र पर दो पफूल चढ़ाना भी गवारा नही समझा। मौलाना आजाद आजादी से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहें है।

देश को आईआईटी, आईआईएम और यूजीसी जैसे संस्थान देने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद को कांग्रेसी ऐसे भुला देंगे किसी ने सोचा नही था। अखबारों की सुर्खिया हासिल करने के लिये कोई भी मौका नही गवाने वाले कांग्रेसी शायद अब साफ्ट हिंदुत्व की और तेजी से अग्रसर होते दिखना चाहते है।

महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना आजाद ने 1912 में सांप्रदायिक सौहार्द और हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने व अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिये एक साप्ताहिक पत्रिका अल हिलाल का प्रकाशन शुरू किया। जिसे ब्रिटिश शासन ने जब्त कर लिया। मौलाना ने फिर भी हार नही मानी और अल बलाग के नाम से पत्रिका शुरू की।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में 1947 से 1958 तक मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा मंत्री रहे। 22 फरवरी, 1958 को हृदय आघात से उनका निधन हो गया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

उन्होंने आईआईटी, आईआईएम और यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन) जैसे संस्थानों की स्थापना में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उनके योगदानों को देखते हुए 1992 में उनको भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे महान लोगों को यूं भुलाया जाना सहज नही माना जा सकता।

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