मुख्यमंत्री सहित 54 माननीयों ने अब तक नहीं दिया सम्पत्ति विवरण

CM Trivendra singh rawat
CM Trivendra singh rawat सहित 54 माननीयों ने अब तक नहीं दिया सम्पत्ति विवरण

केवल 3 मंत्रियों सहित 17 विधायकों ने ही दिया सम्पत्ति विवरण

देहरादून। उत्तराखंड मेें भ्रष्टाचार नियंत्रण व पारदर्शिता पर कितने ही बडे़-बड़े दावे किये जा रहे हो लेकिन हकीकत में इसके लिये बने कानूनों का माननीय जन प्रतिनिधि ही पालन नहीं कर रहे हैं। उत्तराखंड के 71 विधायकों में से मुख्यमंत्री (CM Trivendra singh rawat) सहित 54 विधायकों ने अपना सम्पत्ति विवरण ही विधानसभा को नहीं दिया है। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी ने उत्तराखंड के मंत्रियों विधायकों के सम्पत्ति विवरण संबंधी सूचना मांगी थी। इसके उत्तर मेें विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी/वरिष्ठ शोध एवं सदर्भ अधिकारी मुकेश सिंघल ने अपने पत्रांक 2186 दिनांक 28 मार्च 2018 से सम्पत्ति विवरण संबंधी सूचना उपलब्ध करायी है। श्री नदीम को उपलब्ध सम्पत्ति विवरण न देने वाले विधायकों की सूची में 54 विधायकों के नाम शामिल है।

इसमें 7 मंत्रियों तथा नेता प्रतिपक्ष का नाम भी शामिल

इसमें 7 मंत्रियों तथा नेता प्रतिपक्ष का नाम भी शामिल है। सूची के क्रमांक 17 पर CM Trivendra singh rawat , क्रमांक 35 पर पेयजल मंत्री प्रकाश पंत, क्रमांक 18 पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, क्रमांक 48 पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, क्रमांक 10 पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल क्रमांक 40 पर महिला कल्याण राज्यमंत्री रेखा आर्य, तथा क्रमांक 31 पर सहकारिता उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा0 धनसिंह रावत का नाम शामिल है। इसके अतिरिक्त क्रमांक 44 पर नेता प्रतिपक्ष श्रीमति इन्दिरा ह्रदयेश का नाम शामिल है।




श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 3 कैबिनेट मंत्रियों सहित 17 विधायकों ने अपने सम्पत्ति विवरण विधानसभा सचिवालय को दिये है। इनमें भी केवल 7 विधायकों ने सम्पत्ति विवरण निर्धारित अवधि (नियुक्ति के 3 माह के अन्दर) जून 2017 तक दिये है। चार पर देने की तारीख नहीं पड़ी है। जुलाई, अगस्त, अक्टूबर 17 में 1-1 विधायक ने तथा दिसम्बर 17 में 2 तथा फरवरी 18 में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने देरी से अपना सम्पत्ति विवरण दिये है।

जिन सम्पत्ति विवरणों पर देने की तिथि अंकित नहीं है उनमें कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विधायक नैनीताल संजीव आर्य, विधानसभाध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल तथा टिहरी विधायक धन सिंह नेगी के विवरण शामिल है। जून 2017 तक समय अवधि के अंदर सम्पत्ति विवरण देने वालों में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, मंसूरी विधायक गणेश जोशी, कपकोट विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा तथा राजपुर रोड विधायक खजानदास शामिल है।

सम्पत्ति विवरण देने वालों में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत शामिल

harak singh rawat
जुलाई 17 में सम्पत्ति विवरण देने वालों में चम्पावत विधायक कैलाश चन्द्र गहतौड़ी, अगस्त 17 में लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फत्र्याल, अक्टूबर 17 में सल्ट विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना, दिसम्बर 17 में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पवार तथा फरवरी 2018 में सम्पत्ति विवरण देने वालों में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत शामिल है। श्री नदीम ने बताया कि उ0प्र0 मंत्री तथा विधायक (आस्तियों तथा दायित्वों का प्रकाशन) अधिनियम 1975 की धारा 3 के अनुसार मंत्रियों तथा विधायकों का नियुक्त या निर्वाचित होने के तीन माह के अन्दर विधान सभा सचिव अपनी सम्पत्ति दायित्वों का विवरण देना कर्तव्य है।




इसके बाद धारा 4 के अनुसार हर वर्ष 30 जून तक पूर्व वर्ष की सम्पत्ति प्राप्ति व खर्च व दायित्वों का विवरण देना होता है। जिसे गजट में आम जनता की सूचना के लिये प्रकाशित किया जाना आवश्यक है। उत्तराखंड गठन से ही बड़ी संख्या में विधायक व मंत्री इस कानून का पालन नहीं कर रहे है। जबकि पारदर्शिता तथा भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिये ऐसा किया जाना जनहित में आवश्यक है।

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