सूर्य भगवान के उपासना का सबसे बड़ा त्योहार

Chhat Puja
देहरादून। दिवाली के बाद सूर्य भगवान के उपासना का सबसे बड़ा त्योहार छठ आता है। इस साल चार दिनों तक चलने वाला ये छठ पर्व 24 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरू होगा। 25 अक्टूबर को खरना, 26 अक्टूबर को सांझ का अर्ध्य और 27 अक्टूबर को सूर्य को सुबह का अर्ध्य के साथ ये त्योहार संपन्न होगा।ज्योतिषाचार्य पंडित रजनीश शास्त्री ने
बताया कि छठ त्‍योहार एक साल में दो बार मनाया जाता है।
पहली बार चौत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में हिन्दू पंचांग की की अगर बात करें तो, चौत्र शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ त्‍योहार को चौती छठ कहा जाता है जबकि कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले इस त्‍योहार को कार्तिकी छठ कहा जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में यह त्‍योहार काफी लोकप्रिय पर्व है। इस त्‍योहार को यहां पर  पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल-प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। छठ पूजा भारत में भगवान सूर्य की उपासना का सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्‍योहार है। इस त्‍योहार को षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है, जिस कारण इसे सूर्य षष्ठी व्रत या छठ कहा गया है।
यह त्‍योहार एक साल में दो बार मनाया जाता है- पहली बार चौत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में हिन्दू पंचांग की की अगर बात करें तो, चौत्र शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ त्‍योहार को चौती छठ कहा जाता है जबकि कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले इस त्‍योहार को कार्तिकी छठ कहा जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में यह त्‍योहार काफी लोकप्रिय पर्व है। इस त्‍योहार को यहां पर  पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल-प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
छठ पूजा 2017 महोत्सव का इतिहास और महत्व
ऐसी माना जाता है कि एक बार पांडव जुए में अपना सारा राज-पाट हार गए। तब पांडवों को देखकर द्रौपदी ने छठ का व्रत किया था। इस व्रत के बाद दौपद्री की सभी मनोकामनाएं पूरी हुई थीं। तभी से इस व्रत को करने की प्रथा चली आ रही है। परंपरा के अनुसार छठ पर्व के व्रत को स्त्री और पुरुष समान रूप से रख सकते हैं। छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व का प्रतिपादन करने वाली पौराणिक और लोककथाओं के अनुसार यह पर्व सर्वाधिक शुद्धता और पवित्रता का पर्व है।
जानिए चार दिन के पर्व छठ में क्‍या है हर एक दिन का महत्व
एक मान्यता के अनुसार लंका पर विजय प्राप्‍त करने के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी यानी छठ के दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत किया था और सूर्यदेव की आराधना की थी। सप्तमी को सूर्योदय के समय फिर से अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।
छठ पूजा 2017 मुहूर्त समय
छठ पूजा के दिन कब होगा सूर्यादय  06.41 सुबह
छठ पूजा के दिन कब होगा सूर्यास्त- 18.05 शाम