Cantonment Council Vice President Mahesh Chand
मसूरी। लंबे समय से सरकारी आवास पर कब्जा जमाए बैठे छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद ( Cantonment Council Vice President Mahesh Chand ) के खिलाफ आर्मी अब आक्रामक मूड में आ गयी है। इस संबंध में छावनी परिषद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आवास खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बुधवार की सुबह 6 बजे मिलिट्री और पुलिस फोर्स लाव लश्कर के साथ महेश चंद के आवास पर पहुंची। साथ ही कब्जा मुक्त करने की दिशा में कार्य किया। अधिकारियों ने उनसे तुरंत आवास खाली करने को कहा, परंतु महेश चंद ने कहा कि उनको कोर्ट में 30 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
ऐसे में एकाएक सुबह कार्रवाई करना करना गलत है। उन्होंने कुछ कागजात भी दिखाए, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। इस दौरान काफी गहमागहमी भी हुई, साथ ही तनाव की स्थिति देखने को मिली।
वहीं आर्मी के अधिकारियों का साफ कहना है कि उनको 1 महीने पहले ही नोटिस भेजकर बता दिया गया था। ऐसे में उपाध्यक्ष महेश चंद कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। साथ ही आर्मी और प्रशासन अब नियामनुसार कार्रवाई करेगा।
अतिरिक्त समय अब नहीं दिया जाएगा
दूसरी ओर महेश चंद का कहना है कि उनको कुछ और समय दिया जाए जिससे वह अपनी बात रख सकें। परंतु आर्मी मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है उन्हें अतिरिक्त समय अब नहीं दिया जाएगा।
आर्मी के अधिकारियों ने महेश चंद से पूरी तरह से आवास खाली कराने का मन बना लिया है। वहीं कब्जा मुक्त करने के लिए भारी मात्रा में फोर्स लेकर मौके पर पहुंची. समाचार लिखे जाने तक वहां भारी फोर्स के बीच कार्रवाई जारी है।
दूसरी ओर इस मामले को लेकर आर्मी और प्रशासन के अधिकारी फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं.2014 से अनिधकृत रूप से रह रहे हैं। अधिकारियों के अनुशार छावनी परिषद उपाध्यक्ष महेश चंद यहां 2014 से रह रहे हैं।
मसूरी के प्राइम लोकेशन वाले इस आवास में महेश चंद का पूरा परिवार रहता है। उनके पिता छावनी परिषद में कार्यरत थे, जोकि वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हो गए थे।
ऐसे में नियमानुसार उन्हें 90 दिन में आवास खाली कर देना था, लेकिन उन्होंने आवास खाली नहीं किया। वे अनिधकृत रूप से रह रहे हैं। हालांकि 2015 में महेश चंद छावनी परिषद के उपाध्यक्ष चुने गए।
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