उपनल कर्मचारियों के वेतन में होगी वृद्धि

Cabinet meeting
सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक कैबिनेट के फैसलों के बारे में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए।
Cabinet meeting : पीआरडी कर्मचारियों का वेतन प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ाने का भी लिया फैसला

देहरादून। राज्य कैबिनेट बैठक ( Cabinet meeting ) में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उपनल कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का निर्णय लिया गया है। पीआरडी कर्मचारियों का वेतन प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ाने का फैसला भी लिया गया। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए बताया कि कैबिनेट ने विधानसभा के बजट सत्र के सत्रावसान के लिए संस्तुति दी है।

हर वर्ग के कर्मचारी को 1500 रुपये का अतरिक्त लाभ मिलेगा। Cabinet meeting में पीआरडी कर्मचारियों का प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ाने का फैसला लिया गया। साथ ही उत्तराखंड बहुउद्देशीय विकास निगम को सातवें वेतनमान की मंजूरी दी गई है। हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल परिसर में 2900 वर्ग मीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश को देने की सहमति बनी। कैबिनेट में केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के 3 पुराने आवासों को पूर्ण रूप से ध्वस्तीकरण करने का फैसला लिया गया। वहीं, राज्य में पिरूल नीति को मंजूरी भी मिली।

प्रतिवर्ष 150 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन होगा

पिरूल से बिजली बनाने की योजना है। इससे प्रतिवर्ष 150 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन होगा। राज्य के पर्वतीय जिलों में चीड़ के जंगल बहुतायत मात्रा में उपलब्ध हैं। प्रतिवर्ष 15 लाख पिरूल इन जंगलों में गिरता है। वर्तमान में इन चीड़ की पत्तियों को केवल स्थानीय निवासियों द्वारा अपने घरेलू उपयोग में ही इस्तेमाल किया जाता है। इन चीड़ की पत्तियों से प्रतिवर्ष जंगलों में आग लगने से वनों को नुकसान होने के साथ-साथ जंगली जीव-जंतुओं को भी क्षति हो रही है।




प्रदेश सरकार इन चीड़ की पत्तियों के व्यवसायिक उपयोग कर विद्युत उत्पादन करने और विक्रेटिंग तैयार करने के लिए नीति तैयार की गई है। इस नीति के लागू होने पर चीड़ की पत्तियों से लगभग 100 मेगावाट बिजली उत्पान होने के साथ-साथ विक्रेटिंग एवं बायो आॅयल के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे और वनों के नुकसान को भी कम किया जा सकेगा।

इस नीति के अंतर्गत 10 किलोवाट क्षमता से 250 किलोवाट क्षमता के बिजली उत्पादन इकाइयों की स्थापना राज्य में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, राज्य में पंजीकृत फर्माें, औद्योगिक इकाइयों और काॅपरेटिव सोसाइटियों द्वारा समुदाय आधारित संगठनों के संयुक्त रूप से कराई जाएगी।

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राज्य में लगभग छह हजार इकाइयां स्थापित हो सकेंगी, जिनकी स्थापना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 60 हजर लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे, जिससे पलायन की समस्या भी दूर करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय न्याययिक वेतन आयोग की संस्तुतियों पर मूल वेतन में 30 प्रतिशल वृद्धि पर फैसला लिया गया। कैबिनेट ने सहकारिता सहभागिता योजना को समाप्त किया है।