वनाग्नि बेकाबू , वन विभाग ने हाथ खड़े किए

Burning forest
आग लगने से धधकते जंगल।
Burning forest : वन विभाग ने हाथ खड़े किए

अब इंद्रदेव की कृपा का है इंतजार

देहरादून/पौड़ी। पर्वतीय क्षेत्र में इन दिनों जंगल वनाग्नि की चपेट में हैं। जगह-जगह जंगल आग लगने से धधक रहे हैं। आग लगने के कारण वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। वनाग्नि ( Burning forest ) लगातार बेकाबू होती जा रही है। वन विभाग आग पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहा है। पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली समेत राज्य के सभी पर्वतीय जनपदों में जंगलों में आग लगी हुई है।

पौड़ी जिले में ही जंगलों में आग लगने की 200 से ज्यादा घटनाएं अब तक हो चुकी हैं जिससे वन विभाग का लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। पौड़ी के जंगलों मे लगी भीषण आग से वन विभाग हाथ खड़े करता नजर आ रहा है। अब इस मामले में बारिश का ही मुख्य रूप से इंतजार किया जा रहा है। इस मामले में गढ़वाल कमिश्नर दिलीप जावलकर ने कहा कि मंडल में सबसे अधिक वनाग्नि के मामले पौड़ी जिले में ही हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीएफओ व डीएम पौड़ी को आग पर काबू पाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मौजूदा फॉरेस्ट गार्डों पर बहुत दबाव

इधर इस मामले में पौड़ी के डीएफओ का लक्ष्मण सिंह कहना है कि जब स्टाफ और संसाधनों की कमी रहेगी तो जंगलों से आग कैसे बूझ पाएगी। उनका कहना है कि 30 फीसदी तक फॉरेस्ट गार्ड की कमी के वजह से पहले ही मौजूदा फॉरेस्ट गार्डों पर बहुत दबाव है। इसलिए इतने बड़े इलाके पर नियंत्रण करना संभव नहीं हो पाता। दरअसल हालत यह है कि आग बुझा रहे वनकर्मी अपनी जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं। फायर वाचकर्मियों का कहना है कि वन विभाग ने उन्हें बिना प्रशिक्षण और सुरक्षा के आग में कुदवा रहे हैं।




उधर अब जंगलों में लगी आग इतनी ज्यादा फैल चुकी है कि अब इसे हाथों और हरी पत्तियों से नहीं बुझाया जा सकता। साफ है कि जंगलों की आग को बुझा पाना अब वन विभाग के हाथों में भी नहीं है। संभवतः विभाग के बड़े अधिकारी बारिश के इंतजार में हैं कि इंद्र देव की मेहरबानी से आग बुझ सके। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार 27 तक तो बारिश नहीं होने जा रही है। इसका मतलब यह है कि अभी जंगल कई दिन तक और जलते रहेंगे।

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