Bhagat Da advice to leaders on demography
देहरादून। Bhagat Da advice to leaders on demography पूर्व सीएम व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा के नेताओं को नसीहत देते हुए कहा है कि सख्त भू कानून और डेमोग्राफिक चेंज को लेकर तमाम तरह की बातें करने से इन मुद्दों को पहले समझ लेना चाहिए अन्यथा आने वाले समय में मुसीबत में फंस जाएगें।
भगत दा का कहना है कि सख्त भू कानून चिल्लाने वालों को यह भी पता नहीं होगा कि राज्य में कितने प्रकार की भूमि है। उनका कहना है कि भू कानून की बात करने वाले नेताओं को पहले यह समझना चाहिए कि भू कानून लाने से पहले भूमि बंदोबस्त जरूरी है। भूमि बंदोबस्त से उन्हें पता चल सकेगा कि राज्य में 25 तरह की जमीन है।
उन्हें किस-किस भूमि के लिए कानून बनाना है यह तभी तय हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय से भूमि बंदोबस्त तो हो नहीं सका है और बात भू कानून की की जा रही है। जब तक भूमि बंदोबस्त नहीं होगा भू कानून का क्या औचित्य है। वहीं भगतदा ने कहा कि डेमोग्राफी एक अति संवेदनशील मुद्दा है। जिस पर सोच समझ कर बोलने व बात करने की जरूरत है।
इन दिनों राज्य में बाहरी बाहरी का जो शोर सुनाई दे रहा है वह ठीक नहीं है। उनका कहना है कि कौन है बाहरी ? उत्तराखंड के लोग देश भर में तमाम राज्यों और शहरों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ से लेकर महाराष्ट्र मुंबई तक उत्तराखंड के लोग रहते हैं पूरे देश में उत्तराखंड के लोग स्थाई और अस्थाई रूप से रह रहे हैं क्या वह भी बाहरी लोग हैं।
अगर उत्तराखंड के लोगों को वहां बाहरी बता कर वैसा ही किया जाए तो ठीक है। उन्होंने कहा कि डेमोग्राफिक चेंज एक संवेदनशील मुद्दा है पहाड़ के लोग तो पहाड़ छोड़कर भाग रहे हैं पहले तुम खुद तो पहाड़ में रहो तभी तो तुम अपनी संस्कृति और परंपराओं को जिंदा रख पाओगे।
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