विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर ब्रेन ट्यूमर को लेकर जागरूक किया

Awareness about brain tumor on World Brain Tumor Day
चिकित्सक ब्रेन ट्यूमर के बारे में बताते हुए।

Awareness about brain tumor on World Brain Tumor Day

देहरादून।Awareness about brain tumor on World Brain Tumor Day ब्रेन ट्यूमर तेजी से युवा और बूढ़े समान रूप से प्रभावित कर रहे हैं। ये घातक और सौम्य हो सकते हैं। मैक्स अस्पताल की  मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज, देहरादून के विशेषज्ञों ने विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर जागरूकता पैदा करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर डॉ. (ब्रिगेडियर) एच.सी. पाठक, वीएसएम, डायरेक्टर-न्यूरोसर्जरी डॉ. आनंद मोहन ठाकुर, प्रिंसिपल कंसल्टेंट न्यूरोसर्जरी, और डॉ संदीप सिंह तंवर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशंस एंड यूनिट हेड मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल देहरादून उपस्थित रहे।

डॉ. (ब्रिगेडियर) एच.सी. पाठक, वीएसएम, डायरेक्टर- न्यूरोसर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून ने कहा हमारे शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे खाने, बोलने तथा चलने आदि और हमारी सभी भावनाएं, प्यार से नफरत तक, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं द्वारा नियंत्रित होती हैं जो घनिष्ठ रूप से जुड़ी होती हैं।

खोपड़ी के अंदर ऊतकों की असामान्य वृद्धि से ट्यूमर का निर्माण होता है जो कि सामान्य  ऊतकों को नष्ट करने और  उन पर दबाव का कारण बनता है। लगातार सिरदर्द सहित लक्षणों की शुरुआती पहचान फायदेमंद हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे इलाज के नतीजे और मरीजों की रिकवरी में काफी सुधार होता है।

डॉ. ए.एम.ठाकुर, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, न्यूरोसर्जरी ने कहा कि ये ट्यूमर घातक (कैंसर) या सौम्य (गैर-घातक) हो सकते हैं। घातक ब्रेन ट्यूमर, ज्यादातर, ब्रेन मैटर (आंतरिक) से उत्पन्न होते हैं और इसे केवल समय की परिवर्तनशील अवधि के लिए नियंत्रित किया जा सकता है जिसके लिए  उपलब्ध उपचारों  के विभिन्न तौर-तरीकों (सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी) का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है।

दूसरी ओर, सौम्य ट्यूमर, ज्यादातर मस्तिष्क (बाहरी) के आसपास की संरचनाओं से उत्पन्न होते हैं। डॉ. संदीप सिंह तंवर, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशन्स एंड यूनिट हेड, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून ने कहा कि, ष्ब्रेन ट्यूमर का अक्सर, जागते समय ऑपरेशन किया जाता है ताकि मरीज  सर्जन को यह पता लगाने में मदद मिल सके कि शरीर के अन्य अंग काम कर रहे है या मरीज बोलने में समर्थ है।

हम रोगी की सुरक्षा को अधिकतम करने और यथासंभव कुल निष्कासन सुनिश्चित करने के लिए  तीन तरीकों, न्यूरोनेविगेशन, इंट्राऑपरेटिव इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और जागृत क्रैनियोटॉमी का उपयोग उपचार  करने के लिए करते हैं। उन्होंने यह भी  बताया, मैक्स देहरादून पूरे उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में एकमात्र अस्पताल है जिसमें इन उन्नत तकनीकों के साथ-साथ समर्पित न्यूरो-एनेस्थेटिस्ट की एक टीम और एक समर्पित 8 बेड न्यूरो आईसीयू है।