हेलमेट नहीं पहनने की वजह से इस वर्ष गई 75 लोगों की जान

75 people died this year because of not wearing helmets
75 people died this year because of not wearing helmets

देहरादून। 75 people died this year because of not wearing helmets सड़क दुर्घटनाओं से संवेदनशील उत्तराखण्ड में दुपहिया वाहनों में हेलमेट होना आज भी पुलिस के लिए चुनौती है। लोग हजारों का वाहन तो खरीद लेते है, किन्तु हेलमेट की परंपरा लोगों ने अभी सीखी नहीं है।

उत्तराखंड में हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हो रहे हादसों पर परिवहन आयुक्त कार्यालय के अधिकारी जाग गए हैं। साल 2018 में सितम्बर तक 165 सड़क हादसे दोपहिया वाहन से हुए हैं। इनमें 75 लोगों की मौत हेलमेट न पहनने की वजह से हुई है।

यह बताने के लिए काफी है कि दून में रोड सेफ्टी एक्ट का कितना पालन हो रहा है। रोड सेफ्टी एक्ट के तहत उत्तराखंड में दोपहिया वाहन में डबल हेलमेट पहनना अनिवार्य है। लेकिन दून की सड़कों पर फर्राटा भरते बाइकर्स ट्रैफिक नियम कानून की धज्जियां सड़कों पर सरेआम उड़ाते नजर आते हैं।

ऐसे में बाइकर्स को पकड़ने के लिए पुलिस चेकिंग अभियान चला रही है। चालान भी काटे जा रहे हैं। लेकिन लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है। वे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि दून में इस साल सितम्बर तक 165 सड़क हादसे अकेले दोपहिया वाहन के हुए हैं. इनमें 75 लोगों की मौत हो चुकी है।

सड़क दुर्घटनाएं कई परिवारों की जिंदगी तबाह कर देती है

इनमें बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में परिवहन आयुक्त कार्यालय के अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाते नजर आए। इनमें स्कूल के बाहर ऐसे बच्चों को रोका गया जो बिना लाइसेंस और डॉक्यूमेंट के गाड़ी चला रहे थे।

साथ ही ऐसे अभिभावकों को भी रोका गया जो बिना हेलमेट पहने अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गए थे। सड़क दुर्घटनाएं कई परिवारों की जिंदगी तबाह कर देती है। लेकिन लोग हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। पकड़े जाने पर अभिभावक स्कूली बच्चों को गाड़ी देने के पीछे अपनी मजबूरी गिनाते हैं।

देहरादून में एआरटीओ रश्मि पंत ने कहा कि अभिभावकों की गलती है कि वे बच्चों को गाड़ी चलाने देने की अनुमति देते हैं और खुद भी हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करते। एआरटीओ ने कहा कि वे हेलमेट पहनने के लिए स्पेशल ड्राइव चलाती रहेंगी। उन्होंने कहा कि साथ ही अभिभावकों की काउंसलिंग भी करवाई जा रही है।

जरा यह भी पढ़े