69 कैडेट ग्रेजुएट होकर आईएमए की मुख्यधारा में हुए शामिल

69 cadets graduate and join mainstream of IMA
कैडेट का डिग्री प्रदान करते हुए।

69 cadets graduate and join mainstream of IMA

देहरादून। 69 cadets graduate and join mainstream of IMA आर्मी कैडेट कालेज (एसीसी) के 69 कैडेट ग्रेजुएट होकर भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को अकादमी के चेटवुड सभागार में आयोजित एसीसी के 120 वें दीक्षा समारोह में इन कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री प्रदान की गई।

अकादमी के कमांडेंट ले. जनरल विजय कुमार मिश्रा ने कैडेट को दीक्षित किया। आइएमए में अब एक साल का प्रशिक्षण लेकर यह कैडेट बतौर अधिकारी सेना में शामिल होंगे। उपाधि पाने वालों में 31 कैडेट विज्ञान और 38 कैडेट कला वर्ग के हैं।

कमांडेंट ने अफसर बनने की राह पर अग्रसर इन कैडेट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कैडेट को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए हैं। जिन्होंने अपनी क्षमता के बलबूते कई वीरता पदक जीते। जिनमें न केवल आइएमए का प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर बल्कि असाधारण साहस व बलिदान के लिए मिलने वाले परमवीर चक्र व अशोक चक्र जैसे वीरता पदक भी शामिल हैं।

एसीसी के कई कैडेट सेना में उच्च पदों पर आसीन हुए हैं। उन्होंने कहा कि उपाधि पाने वाले कैडेट की जिंदगी का यह एक अहम पड़ाव है। देश की आन, बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी अब उनके हाथों में होगी।

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को बधाई देते हुए कहा कि वह अपने प्रदर्शन में निरंतर एसीसी की नींव द किचनर कालेज के रूप में वर्ष 1929 में तत्कालीन फील्ड मार्शल बिडवुड ने मध्य प्रदेश के नौगांव में रखी थी।

16 मई 1960 में किचनर कालेज आर्मी कैडेट कालेज के रूप में कार्य करने लगा, जिसका उद्घाटन तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णा व जनरल केएस थिमैया ने किया था। यहां से पहला दीक्षा समारोह 10 फरवरी 1961 को हुआ।ता बनाए रखें। इससे पहले एसीसी के प्रधानाचार्य डा. नवीन कुमार ने कालेज की प्रगति रिपोर्ट पेश की।वर्ष 1977 में एसीसी को भारतीय सैन्य अकादमी से अटैच कर दिया गया।

वर्ष 2006 में कालेज आइएमए का अभिन्न अंग बन गया। कालेज सैनिकों को अधिकारी बनने का मौका देता है। यहां से पास आउट होकर कैडेट आइएमए में जेंटलमैन कैडेट के रूप में प्रशिक्षण लेकर सैन्य अफसर बनने की खूबियां अपने भीतर समाहित करते हैं।

जरा इसे भी पढ़े

दवाइयों की कमी को दूर किया जाए : डॉ. आर. राजेश कुमार
एचआईवी संक्रमण की दर में कमी, अच्छे संकेत : डॉ. धन सिंह रावत
विधानसभा सत्र मात्र दो दिन चलाना उत्तराखण्ड की जनता के साथ धोखा : माहरा