लिंचोली एवं भीमबली से 480 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर किया रेस्क्यू

480 passengers were airlifted and rescued
यात्रियों को एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू करते हुए।

रुद्रप्रयाग। 480 passengers were airlifted and rescued केदारघाटी में अत्यधिक बारिश के कारण जगह -जगह अवरूद्ध हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों को जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में रेस्क्यू टीमों एवं जिला प्रशासन द्वारा पूरी मुस्तैदी के साथ दूसरे दिन शुक्रवार को रेस्क्यू कार्य कर शुरू कर दिया गया है। बीती देर रात तक रेस्क्यू अभियान जारी रहा।

शुक्रवार दोपहर साढ़े 12 बजे तक लिंचोली एवं भीमबली से एयर लिफ्ट कर लगभग 480 यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं गौरीकुंड- सोनप्रयाग के बीच लगभग 1500 यात्रियों को सफल रेस्क्यू किया जा चुका है। अपर मुख्य अधिकारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण योगेंद्र सिंह ने अवगत कराया कि केदारनाथ धाम में मौजूद तीर्थ यात्रियों को सुबह मुख्य हेलीपैड पर पहुंचा दिया गया है।

यहीं से एमआई 17 से 15 तीर्थ यात्रियों को गौचर हैलीपैड रेस्क्यू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के कारण एमआई एवं चिनूक विमान अभी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। केदारनाथ में मौजूद करीब 450 तीर्थ यात्रियों को जिला प्रशासन की ओर से लगातार राहत सामाग्री, फूड पैकेट्स एवं भोजन उपलब्ध करवाया गया। वहीं बीकेटीसी द्वारा तीर्थ यात्रियों को फल वितरित किए गए।

बताया कि मौसम ठीक होते ही केदारनाथ में मौजूद यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा। उधर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती सहित अन्य संबंधित अधिकारी सोनप्रयाग- गौरीकुंड मार्ग सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।

इस दौरान जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई करते हुए सभी तीर्थ यात्रियों का कुशलता के साथ सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा के चलते क्षेत्र में हुई क्षति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।इसके साथ ही एनडीआरएफ एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घायल तीर्थ यात्रियों का उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जान-माल के साथ अन्य नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है। भीमबली और लिनचोली में 300 लोग फंसे हुए थे। पूरे केदारनाथ धाम के विभिन्न पड़ावों पर 1000 से 1500 लोग फंसे हुए थे।

यात्रियों का रेस्क्यू करने के लिए वायुसेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। विजिबिलिटी कम होने की वजह से एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे थे, लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए लिनचोली में सभी यात्रियों का रेस्क्यू सफलता पूर्वक कर लिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स आकाउंट (ट्विटर) पर कहा कि राज्य के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भारतीय वायु सेना द्वारा ऑपरेशन शुरू करने के लिए पीएम मोदी का आभार है। हमारे जवानों द्वारा युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अभी तक 5000 से अधिक लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।

78 घंटे बाद भी मजदूरों का रेस्क्यू न होने पर किया प्रदर्शन
किराये के मकान में चल रहे देह व्यापार का खुलासा, चार महिलाएं रेस्क्यू की
नेपाली यात्रियों से भरी बस नदी में फंसी, रेस्क्यू कर बाहर निकाला