राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये जारी

20 crores released from SDRF
सीएम त्रिवेंद्र आपदा प्रभावित क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक लेते हुए।

20 crores released from SDRF

कनेक्टीवीटी से कटे गांवों में हेलीकाप्टर से पहुंचाई गई राशन व राहत सामग्री
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की

देहरादून। 20 crores released from SDRF मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों को भी सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे कराया जाय। एसडीआरएफ की टीमें भी संवेदनशील स्थानों के निकट तैनात की जाय।

आईआरएस के निदेशक डाॅ. प्रकाश चौहान ने जानकारी दी कि ताजी बर्फ के स्खलन से आपदा की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। अब स्थिति सामान्य है।

बैठक में जानकारी दी गई प्रभावित क्षेत्र के आस-पास बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू हैं। तत्काल राहत के लिए एक हजार राशन के पैकेट एवं अन्य सामग्री भेजी गई है। रैस्क्यू का कार्य जारी है।

जल्द ही एक एसओपी जारी की जाएगी

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस.नेगी, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, दिलीप जावलकर, एस.ए. मुरूगेशन, सुशील कुमार, दीपेन्द्र चौधरी, कर्नल एस. शंकर, आईटीबीपी के कमाडेंट शेंदिल कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा है कि लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसकी प्रक्रिया तय करने के लिए जल्द ही एक एसओपी जारी की जाएगी।

ऊधर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बात की।

विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा।

परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा

आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है।

जिलाधिकारी ने बताया कि जब तक यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैली से यहां पर रसद पहुंचाने का काम जारी रहेगा और जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगो की परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 70, एनडीआरएफ के 129, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 02 मेडिकल टीमें लगी हुई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 18 शव मिल गए हैं जबकि 202 लोग लापता हैं। एनटीपीसी से 12 और ऋषिगंगा प्रोजेक्ट से 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।

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