देहरादून। इस साल विवाह के लिए शुभ लग्न साल की शुरूवात से ही कम थे। अब साल का आिऽरी पड़ाव है। नवंबर और दिसंबर में शादी करने वालों को कुल 11 मौके मिलेंगे। इसकी फायदा वैंकट हाल, होटल, कैटरिंग करने वालों को होगा। बैंड बाजे से लेकर घोड़ी और बग्घी तक सब महंगी हो जाएंगी। हालांकि साहलग को देऽते हुए शादी की बुकिंग शुरू हो गई है। कुछ शादियां नवरात्रें में हुई है, लेकिन ज्यादातर शादियां नवंबर और दिसंबर में होनी हैं।
मलिक कलोनी के शिव मंदिर के पुजारी के अनुसार पिछले साल 2015 में विवाह आदि के 70 शुभ मुहूर्त थे, जबकि इस साल शुक्र अस्त होने कारण साल की शुरुवात से ही शुभ मुहूर्त का अभाव रहा। साल के अंत में एक अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र रहे जिसमें दस दिन तक विवाह और अन्य शुभ कार्य करने पर कोई दोष नहीं रहा। जिन्हें साल में कोई शुभ महूर्त नहीं मिला उन्होंने शरदीय नवरात्रें में शादी की रस्म पूरी कर ली। नवरात्रें के बाद देव उठान के बाद ही शुभ महूर्त है। पुजारी के अनुसार नवंबर की 11, 23, 24, 25 और 30 तारीऽ को शादी का शुभ मुहूर्त तो दिसंबर में दिसंबर तीन, चार, आठ, नौ, 12 व 13 तारीऽ को शुभ लग्न है। दिसंबर के बाद नया साल 2017 आ रहा है। बहुत लोगों को अक्षय तृतीया पर शादी करने का इंतजार रहता है, लेकिन अगले साल शादियों के लिए अबूझ मुहूर्त माने जाने वाली अक्षय तृतीया पर विवाह का कोई मुहुर्त नहीं है। ऐसा शुक्र तारा अस्त होने के कारण हो रहा है। इस कारण मई और जून में विवाह का कोईमुहूर्त नहीं है। पुजारी के अनुसार करीब 100 साल में ऐसा संयोग बना है।
शिवलाल पंचांग के अनुसार दो और दाते पंचांग के अनुसार नौ मई 2017 को शुक्र का तारा अस्त होगा। इसके बाद तारा दो जुलाई को उदित होगा। इस बीच विवाह का मुहूर्त नहीं होगा। 29 अप्रैल के बाद सात जुलाई को पहला मुहूर्त रहेगा। अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त नहीं है। 2017 में संक्रांति के बाद लग्न 15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा।
इस कारण विवाह नहीं होंगे। 2017 में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति महापर्व पर 14 जनवरी के बाद से विवाह मुहूर्त की शुरुआत होगी। 14 दिसंबर के बाद एक महीने मुहूर्त नहीं रहेंगे। 15 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी से देव सो जाएंगे। यहां से चातुर्मास शुरू होगा। 15 जुलाई से 10 नवंबर चार महीने तक शादियों के मुहूर्त नहीं रहेंगे।