Uttarakhand girls glorify state
देहरादून। Uttarakhand girls glorify state अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर 11 अक्टूबर को, समाज में बदलाव की पहल करने वाली उत्तराखंड की लड़कियां राष्ट्रीय राजधानी में स्पेन और जर्मनी दूतावास की जिम्मेदारी संभाली।
ये लड़कियां 10 राज्यों की उन 17 लड़कियों में शामिल हैं, जो लड़कियों और युवा महिलाओं को समानता, स्वतंत्रता और शक्ति का प्रभावशाली संदेश देने के लिए 17 देशों के राजदूत और उच्चायुक्तों की जिम्मेदारी संभाली।
उत्तरकाशी जिले की 20 वर्षीय पूनम नई दिल्ली में स्थित स्पेन दूतावास की जिम्मेदारी संभालेंगी। वे डिप्टी चीफ ऑफ मिशन जोस रेमॉन बेरनेनो का प्रतिबिंब बनकर रहेंगी और पूरे दिन उन्हीं की भूमिका निभाई। पूनम में छोटी उम्र से ही नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया है, वे बाल पंचायत की अध्यक्ष भी चुनी गई थीं।
2016 में, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर ‘गल्र्स टेकओवर’ एक्टिविटी के अंतर्गत, उन्होंने एक पुलिस स्टेशन के स्टेरशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में बच्चों के अनुकूल पुलिस स्टेशन का मुद्दा उठाया।
पुलिस अधीक्षक ने तुरंत उनके क्षेत्र में ऐसा पुलिस स्टेशन शुरू भी कर दिया। पूनम पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करने से पहले मुद्दों की पहचान करने और फिर उन्हें प्राथमिकता देने में विश्वास करती हैं। कई मौकों पर उन्होंने अपने साथियों के बीच विवादों को हल किया है।
समुदाय में हो रहे बाल विवाह को रोका था
एक विशेष अवसर पर, उनके हस्तक्षेप ने समुदाय में हो रहे बाल विवाह को रोका था। मादक पदार्थों के सेवन के चलते उनके क्षेत्र में होने वाली हिंसा एक ऐसी चीज है जो उन्हें बेहद परेशान करती है। उन्हें लगता है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को इस प्रकार हिंसा से प्रभावित लोगों की रक्षा करने वाले कानूनों और योजनाओं से अवगत होना चाहिए।
स्पेन दूतावास का कार्यभार संभालने के लिए अपनी दिल्ली यात्रा के बारे में पूनम ने कहा, “मैं वास्तव में बेहद खुश हूं कि मुझे यह मौका मिला। मेरा मानना है कि इसने मेरे राज्य को एक प्रभावशाली संदेश भेजा है। यह दर्शाता है कि लड़कियां जो कुछ भी चाहती हैं वे उसे प्राप्त। कर सकती हैं।”
यहां चुनी गई दूसरी युवती हैं हरिद्वार की 20 वर्षीय श्रृष्टि। ये नई दिल्ली में स्थित जर्मनी की एम्बेसी का कार्यभार ग्रहण करेंगी। वे हैड ऑफ प्रेस हैंस क्रिश्चियन व्रिंकलर की प्रतिबिंब बनकर रहेंगी और दिन भर उनकी भूमिका निभाएंगी। वे बैठकों की अध्यक्षता करेंगी और दूतावास कर्मचारियों से बातचीत करेंगी।