बीजेपी के पुराने और नए मेयर आमने-सामने

Sunil uniyal gama and Vinod chamoli
Sunil uniyal gama and Vinod chamoli

देहरादून। Sunil uniyal gama and Vinod chamoli दून में निकाय चुनाव के बाद लगता है उत्तराखंड बीजेपी में सबकुछ ठीक नही चल रहा है। भले ही राज्य के सबसे बड़े निगम देहरादून नगर निगम में बीजेपी ने परचम लहराया हो लेकिन आज भी गाहे-बगाहे पार्टी के अंदर की तकरार बाहर आ ही जाती है। ताजा मामला नए और पुराने मेयर का है।

हाउस टैक्स की दरें बढ़ाने को लेकर भाजपा के पुराने और नए मेयर आपस में एक दुसरे पर आरोप लगाते हुए भिड़ने की स्थिति में है। राजधानी में जैसे ही हाउस टैक्स की दरें बढ़ीं तो नव निर्वाचित मेयर सुनील उनियाल गामा ने पुराने बोर्ड पर ही तंज कसना शुरू कर दिया।

गामा ने कहा कि पुराने बोर्ड ने हाउस टैक्स की दरें 40 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया था लेकिन उनकी छोटी सरकार ने मात्र 20 फीसदी पर मुहर लगाई है। शायद बीजेपी के नव निर्वाचित मेयर गामा यह भूल गए कि देहरादून नगर निगम में दस साल से बीजेपी का कब्जा रहा है और पुराना बोर्ड उन्हीं की पार्टी का था।

हाउस टैक्स के मामले में निगम प्रशासन ही दरें तय करता हैं

जाहिर है कि दस साल तक देहरादून के मेयर रहे धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली को यह बात अच्छी नहीं लगी। चमोली ने अपने उत्तराधिकारी पर तंज कसते हुए कहा कि शायद नव निर्वाचित मेयर नहीं जानते कि हाउस टैक्स के मामले में निगम प्रशासन ही दरें तय करता हैं।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाउस टैक्स के मामले में जल्दबाजी दिखाई गई है। चमोली कहते हैं कि बोर्ड को कम से कम एक बार हाउस टैक्स का रिवीजन करना चाहिए था क्योंकि टैक्स बढ़ोत्तरी वार्ड नहीं बल्कि इलाकों को देख कर रेट तय करने चाहिए थे।

चमोली की नाराजगी तो जाहिर है, पार्टी ने उन्हें निकाय चुनावों के प्रचार से भी दूर ही रखा था. लेकिन नए मेयर के लिए अच्छा रहता कि वह दस साल तक देहरादून की छोटी सरकार चलाने वाले अपनी ही पार्टी के साथी से समस्याएं समझ लेते। पहली बार कोई पद संभालने वाले गामा को यह जल्दबाजी भारी पड़ सकती है।

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