म्यांमार। म्यांमार में स्थित अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाला असली चेहरा और रोहंगी पर ढाहे जाने वाले क्रूरता का असली जिम्मेदार बुद्धिस्ट पादरी एसीन विराथो है।
उसने रोहंगियों के खिलाफ कई रैलियों की अध्यक्षता की है। इसके इशारे पर हजारो मुसलमानों को मार दिया गया और लाखो बेघर हो गये हैं। मीडिया के साथ इन्टरव्यू में इस जल्लाद ने कहा कि तूम किसी सांप को नजर अंदाज इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि वह एक है और मसलमान भी कुछ इसी तरह हैं। उसके मुताबिक म्यांमार में मुसलमानों की संख्या बुद्धिस्टों से आगे बढ़ रही है।
इसने बुद्धिस्ट और मुसलमानों के बीच में शादियों पर भी अवरोध लगाने की मांग की है। यहां पर इस बात का जिक्र जरूरी है कि विराथो 1968 में मंडाले के पास पैदा हुआ था। नफरत फैलाने वाले भाषण की वजह से 2003 में, इसको 25 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि वर्ष 2012 में इसको रिहा कर दिया गया।
रोहंगी कौन है?
रोहिंग्या म्यांमार का अल्पसंख्यक वर्ग है जहां उनके घर में ही उन पर जुल्म ढहाये जा रहे हैं। म्यांमार ने अल्पसंख्यक रोहंगियों की नागरिकता खत्म करते हुये उनसे सभी अधिकार छीन लिये हैं। जिंदगी जीने के लिए उन्हे बेसिक सहायता भी नहीं दी जा रही है। म्यांमार का कहना है कि वह बांग्लादेशी है और अवैध रूप से बांग्लादेश पलायन करके यहां पर रह रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ बंगलादेश उन्हे अपना नागरिक मानने से इंकार कर रहा है।