हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में तेजी से वृद्धि हुई

Women participation increased rapidly
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते एसपी सिटी श्वेता चौबे।

Women participation increased rapidly

देहरादून। सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि एसपी सिटी देहरादून श्वेता चौबे ( SP City Shweta Chaubey ) रहीं, और वैज्ञानिक डॉ मनु मेहता व न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट व संस्थापक परी फाउंडेशन डॉ सोना कौशल गुप्ता गेस्ट ऑफ ऑनर थे।

स्वागत भाषण में सीएसआईआर-आईआईपी के कार्यवाहक निदेशक डॉ एके जैन ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में तेजी से वृद्धि हुई (Women participation increased rapidly) है। यह एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को उनकी उपलब्धियों और समाज में योगदान के लिए पहचाना जाता है।

प्रत्येक वर्ष, दिन एक ऐसे विषय पर प्रकाश डालता है, जिस पर हमें सामूहिक रूप से काम करना चाहिए और दुनिया को महिलाओं के रहने के लिए एक बेहतर स्थान बनाना चाहिए। 

इस अवसर पर बोलते हुए एसपी सिटी श्वेता चौबे ने लैंगिक समानता के बारे में अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि उनकी सेवा अवधि में लैंगिक असमानता के बारे में उन्हें किसी भी मुद्दे का सामना नहीं करना पड़ा है।

यह साबित करता है कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में आज के परिदृश्य में, हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के बारे में मानसिकता नियमित रूप से बदल रही है।

महिला प्रकृति से पोषण का एक चक्र है

गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ सोना कोशलगुप्ता न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट ने बदलते परिदृश्य में महिलाओं की भूमिका पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि महिला प्रकृति से पोषण का एक चक्र है। जीवन का हर क्षेत्र एक महिला से प्रभावित होता है।

अगर एक पुरुष शिक्षित है, तो इसका मतलब है कि एक अकेला व्यक्ति शिक्षित है लेकिन अगर एक महिला शिक्षित है, तो इसका मतलब है एक शिक्षित परिवार जो एक शिक्षित समाज बना सकता है।

उन्होंने विभिन्न नारीवादी मुद्दों के बारे में बात की, जैसे मासिक धर्म, महिला शिक्षा, घरेलू हिंसा, सशक्तिकरण आदि। उन्होंने महिलाओं और लड़कियों के कल्याण के लिए चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ मिशन की भी सराहना और समर्थन किया। डॉ मनु मेहता ने दुनिया की प्रसिद्ध महिला व्यक्तित्वों के बारे में बात की, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वर्तमान परिदृश्य में कोई भी क्षेत्र महिलाओं के योगदान से अछूता नहीं है। उन्होंने सेंट मदर टेरेसा, कल्पना चावला, आदि की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि लिंग-संतुलित दुनिया को चलाने की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है।

उचित लैंगिक समानता स्थापित करने में लंबा समय लगेगा

जब यह समान हो जाएगा तो यह हमारे समाज, दुनिया के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास को लाभान्वित करेगा।

लेकिन दुनिया भर में उचित लैंगिक समानता स्थापित करने में लंबा समय लगेगा। उसने हमारे समाज को मजबूत बनाने के लिए अपने कौशल के बारे में विश्वास बनाने पर जोर दिया।

इस अवसर पर, महिलाओं की सुरक्षा विषय पर एक पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें डॉ ललिता बकाया, आरएमओ सीएसआईआर-आईआईपी, पूनम गुप्ता, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-आईआईपी, डॉ सुमनलता जैन, प्रमुख वैज्ञानिक, तृप्ति शर्मा और वशिष्ट अतिथिगन ने भाग लिया।

महिला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई जैसे कि बालिकाओं की सुरक्षा, छात्र की सुरक्षा, कार्य स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा, घरेलू हिंसा और महिला सशक्तीकरण। जिसमें संस्थान के कर्मचारियों द्वारा प्रश्न पूछे गए जिनका जबाब पैनल सदस्यों द्वारा दिया गया।

इस समारोह में बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों और अन्य स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। डॉ सुमन लता जैन ने समारोह का संचालन किया। इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईपी उत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ डी सी पांडे उपस्थित थे। समारोह के अंत में पूनम गुप्ता द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया।

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