महिला एवं बाल विकास विभाग की कथनी और करनी में अंतर : गरिमा दसौनी

Women and Child Development Department
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी।

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देहरादून। Women and Child Development Department उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने महिला एवं बाल विकास विभाग पर महिला सशक्तिकरण के नाम पर प्रदेश की महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाया है। विगत वर्ष मुख्यमंत्री आवास में एक समारोह आयोजित किया गया जिसमें प्रदेश के कोने कोने से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लाया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सम्मान तो दूर उस समारोह में मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री रेखा आर्य चांदी का मुकुट पहने हुए मंच पर नजर आये, मुकुट किसने किसकों भेंट किया और सम्मान समारोह किसका था इस पर प्रश्न चिन्ह बना रहा।

समारोह का उल्लेख इसलिए जरूरी है क्योंकि उस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक रूप से घोषणा करी कि प्रदेश की बच्चियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से मुफ्त सेनेटरी नैपकिन वितरित किए जाएगें।

दसौनी ने बताया कि बडी तादाद में ‘‘स्पर्श’’ के नाम से सेनेट्री नेपकिन के पैकेट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर बिक्री हेतु थोप दिए गए न चाहते हुए भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को यह जिम्मेदारी स्वीकारनी पडी।

मुफ्त सेनेटरी नैपकिन देने की बात करने वाले विभाग की ओर से एक पैकेट की कीमत रुपये तय की गयी, जिसमें 5 रुपये प्रति पैकेट विभाग को और 1 रुपये प्रति पैकेट कार्यकत्रियों को स्वयं रखने की बात कही गयी।

अच्छी क्वालिटी के नैपकिन खरीदना बेहतर रहेगा

कार्यकत्रियों को 1 रुपये प्रति पैकेट बडी बडी पेटियों की ढुलाई तक के लिए नाकाफी थे और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति के मध्यनजर तो कई केंद्रों तक 7 से 8 किमी पैदल अपने सर पर पैटी को रखकर केन्द्रों तक पहुंचाना पड़ा, इतना ही नहीं इन सेनेटरी नैपकिन की गुणवत्ता इतनी खराब है कि महिलाओं और बच्चियों ने इन्हें खरीदने से यह कहकर इंकार कर दिया कि यदि सरकार से नैपकिन पैसे में ही खरीदने हैं तो इन बेकार नेपकीनों के बदले बाजार से ही अच्छी क्वालिटी के नैपकिन खरीदना बेहतर रहेगा।

दसौनी ने बताया कि नैपकिन की बिक्री हुयी नही और विभाग से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 5 रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से एक बड़ा अमाउंट जमा करने का नोटिस आ गया जो कि इन कार्यकत्रियों के लिए वज्रपात के समान है क्योंकि यह सभी कार्यकत्रियां ग्रामीण परिवेश की गरीब पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखती हैं।

दसौनी ने विभागीय मंत्री रेखा आर्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने चहेतों को लाभ पहुचाने के लिए रेखा आर्य लगातार इस तरह के बल्क ऑर्डर बीना जाॅचे परखे देती हैं और कोई इनकी क्वालीटी की माॅनेंटिरिंग य सुपरविजन तक नही करता। दसौनी की मंच से महिला सशक्तिकरण महिला सुरक्षा की बडी बडी बाते करने वाली भाजपा के हाथी के दाँत खाने के और हैं और दिखाने के और।

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