बर्लिन। आज हर घर के किचन में बर्तन साफ करने के लिए स्पंज का उपयोग किया जाता हैं लेकिन वैज्ञानिकों की इस नई शोध में स्पंज संबंधित ऐसा भयानक खुलासा सामने आ गया है कि आगे से कोई किचन में इसका उपयोग करने से पहले सौ बार सोचेगा। मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार जर्मन वैज्ञानिकों का कहना है कि गंदे स्पंज के उपयोग के कारण यह कई तरह के खतरनाक बैक्टीरिया का पनाहगाह बन जाते हैं और यह बैक्टीरिया बर्तन में लगकर लोगों में टाइफाइड, हैजा और अन्य कई खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं।
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वैज्ञानिकों के रिसर्च में साबित हुआ है कि प्रयुक्त स्पंज चीनी के एक टुकड़े (Sugar Cube) जितने हिस्से पर 54 अरब बैक्टीरियाई कोशिकाएं मौजूद होते हैं। वैज्ञानिकों ने इस शोध में जर्मनी के शहर ओर्टम बर्ग विभिन्न निजी रसोई बक्से में उपयोग किए गए 14 स्पंज प्राप्त किए और उनके डीएनए के नमूने लेकर रिसर्च किया। इन प्रयोगों में पता चला कि उनके स्पंज पर सैंकड़ों प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद थे लेकिन उनमें बहत से ‘गीमापरोटयू बैक्टीरिया’ था जो हैजा, टाइफाइड और अन्य बीमारियां फैलाते हैं। कुछ लोग स्पंज को माइक्रोवेव में गर्म करके या पानी में उबाल कर समझते हैं कि उस पर मौजूद बैक्टीरिया मर गए होंगे।
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इस संबंध में वैज्ञानिकों ने शोध में बताया है कि ‘स्पंज को माइक्रोवेव और पानी में उबालने से उन पर मौजूद हानिरहित बैक्टीरिया अवश्य मर जाते हैं लेकिन खतरनाक बैक्टीरिया नहीं मरते। बल्कि उल्टा हानिरहित बैक्टीरिया मर जाने से खतरनाक बैक्टीरिया की संख्या अधिक हो जाती है। इसलिए प्रयुक्त स्पंज को उबालने या माइक्रोवेव के बजाय फेंक देना चाहिए और उसकी जगह नया स्पंज उपयोग करना चाहिए।’
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