आईएएस अधिकारी के ठिकानों पर दून से लखनऊ तक छापेमारी

Vigilance raids on the premises of IAS officer
आईएएस अधिकारी रामविलास यादव।

Vigilance raids on the premises of IAS officer

आय से 500 गुना संपत्ति जुटाने का आरोप
30 को रिटायर होने से पूर्व विजिलेंस की कार्रवाई

देहरादून। Vigilance raids on the premises of IAS officer उत्तराखंड में कृषि विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी रामविलास यादव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। विजिलेंस की टीम ने आज राजधानी दून से लेकर लखनऊ तक उनके सात स्थानों पर छापेमारी की है।

उत्तर प्रदेश से 2019 में उत्तराखंड आए आईएएस अधिकारी रामविलास यादव पर उत्तर प्रदेश में कार्यरत रहने के दौरान से ही अनेक भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण में सचिव पद पर तैनात रहे रामविलास यादव को सपा का करीबी माना जाता है।

उन पर आय से 500 गुना संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उनके खिलाफ 9 जनवरी 2019 को विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए थे। लेकिन कई बार बुलाए जाने के बाद भी वह विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए इसके बाद जांच के लिए एक तीन सदस्य पावर कमेटी का गठन किया गया लेकिन रामविलास ने कमेटी को भी गुमराह किया।

अनुचित लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया था

19 अप्रैल को उनके खिलाफ आखिरकार मुकदमा दर्ज कराया गया। रामविलास यादव उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के सचिव जैसे अहम पद पर भी रह चुके हैं इस दौरान भी उन पर एक निजी कॉलेज को करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया था।

रामविलास यादव इसी साल 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अपनी सेवानिवृत्ति तक वह भ्रष्टाचार के इन मामलों से बचने का प्रयास करते रहे हैं। वर्तमान समय में वह 15 दिनों का अवकाश लेकर गए हुए थे। फिलहाल वह कहां है इसका किसी को पता नहीं है।

रामविलास यादव को अपने खिलाफ होने वाली कार्रवाई का अनुमान था इसलिए वह छुटृी लेकर फरार हैं। विजिलेंस की टीम द्वारा उनके दून स्थित घर पर छापेमारी की गई है। वहीं उनके लखनऊ, गाजियाबाद, गाजीपुर पैतृक आवास सहित सात स्थानों पर विजिलेंस टीम द्वारा छापे मारे गए हैं।

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