उत्तराखण्ड के पहाड़ आज भी सुविधाओं से वंचित Uttarakhand ke pahad
गोपेश्वर। Uttarakhand ke pahad जोशीमठ के दुर्गम क्षेत्र किमाणा गांव में सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीण घायल बादर सिंह को चारपाई पर रखकर मुख्य सड़क तक लाए। ग्रामीणों को करीब दस किमी पैदल चलकर गाड़ी तक पहुंचना पड़ा। यहां से 108 एंबुलेंस के जरिए घायल को जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, लेकिन स्थित ज्यादा खराब होने के कारण घायल को गोपेश्वर जिला अस्पताल रेफर करना पड़ा।
लोगों का कहना है कि सड़क अभाव में लोगों को आए दिन ऐसी समस्या से दो-चार होना पड़ता है। चमोली जिले में उर्गम घाटी को सड़कों और सुविधाओं के अभाव में दुर्गम क्षेत्र भी कहा जाता है। इसी क्षेत्र का किमाणा गांव सड़क मार्ग से 10 किमी दूर खड़ी चढ़ाई पर है। यहां के 40 वर्षीय बादर सिंह जंगल गये थे और अचानक खाई गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए।
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जब इसकी सूचना लोगों को मिली तो वो घायल को लेकर अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन अचानक देर शाम को जनपद में हुई वर्षा और हिमपात के कारण ग्रामीण पैदल मार्ग की दशा को देखते हुए बारिश रुकने का इंतजार करने लगे। इसके बाद लोग घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुंवर बताते हैं कि बादर सिंह को बड़ी मुश्किल से सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया। उसकी हालत गंभीर है।
बताया कि यहां के डुमक, कलगोठ, जखोला, पल्ला ऐसे गांव है जो इससे भी दुर्गम और यहां पर भी अभी सड़क नहीं पहुंची। ऐसे हालत में गर्भवती महिलाओं, बीमार और वृद्ध जनों को उपचार के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।