यूपी सहित उत्तराखण्ड और पंजाब में अकेली लड़ेगी बसपाः मायावती

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लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा आमचुनाव के लिये मतदान कार्यक्रम घोषित करने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि बसपा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखण्ड व पंजाब इन तीनों ही राज्य में विधानसभा का चुनाव अकेले पूरी तैयारी के साथ अपने बलबूते पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट के हित के मद्देनजर किसी के साथ किसी भी प्रकार का कोई गठबंधन या समझौता नहीं किया जायेगा। मायावती ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश में स्वतन्त्र, निष्पक्ष व शान्तिपूर्ण चुनाव के लिये जरूरी था कि यहां कई चरणों में मतदान कराया जाये। इसलिए यहां सात चरणों में चुनाव कराने का निर्वाचन आयोग का पफैसला स्वागत योग्य है। सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग कर सकती है सपा उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार में हर प्रकार का अपराध कापफी बढ़ा ही नहीं है बल्कि कापफी चरम पर पहुंच गया है व अराजकता एवं जंगलराज का दौर लगातार जारी है।

प्रदेश की सपा सरकार द्वारा पुलिस व प्रशासन को भी संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिये लगातार इस्तेमाल किया जाता रहा है। आगे भी सपा की काम चलाऊ सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग की आशंका है। केन्द्रीय सुरक्षा बलों की ज्यादा हो तैनाती मायावती ने कहा कि इसलिए निर्वाचन आयोग के सामने यह एक प्रकार की चुनौती है कि यहां उत्तर प्रदेश में विधानसभा का आमचुनाव पूरी तरह से स्वतन्त्र, निष्पक्ष व शान्तिपूर्ण हो तथा खासकर गरीब, कमजोर व उपेक्षित वर्ग के लोग निर्भीक होकर पूरी आजादी के साथ अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिये जरूरी है कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक तैनाती हो और स्थानीय पुलिस पर भी कड़ी नजर रखी जाये और उन्हें मनमाना व पक्षपाती रवैया अपनाने से रोकना सुनिश्चित हो। आचार संहिता के पालन के लिए बसपा की होगी बैठक बसपा मुखिया ने कहा कि आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने के लिए उनकी पार्टी के सभी लोगों को सख्त निर्देश देने के तहत जल्दी ही बैठक बुलायी जायेगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि जैसा कि हर चुनाव में देखने को मिलता है कि विरोधी पार्टियों में से खासकर भाजपा, सपा व कांग्रेस आदि जानबूझकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं और आयोग को इनसे निपटने में काफी दुश्वारी का सामना करना पड़ता है। ऐसा कड़वा अनुभव खासकर वर्ष 2014 के पिछले लोकसभा के आमचुनाव में देखने को मिल चुका है। इसलिये इस सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। 01 फरवरी को न पेष हो आमबजट मायावती ने इसके अलावा निर्वाचन आयोग से यह भी अनुरोध किया कि निष्पक्ष चुनाव के लिये केन्द्रीय सरकार को यह निर्देश दे कि वह 01 फरवरी को आमबजट पेश न करें और उसके स्थान पर वर्ष 2012 की तरह ही सभी 5 राज्यों में अन्तिम पोलिंग (वोटिंग) की तारीख यानी 08 मार्च 2017 के बाद किसी भी तारीख को पेश करे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसीलिए जरूरी है क्योंकि चुनाव के दौरान आमबजट पेश करके मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है जिसकी वजह से निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकेंगे।