हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड की अपनी विशिष्ट पहचान : सीएम

Unique identity of Uttarakhand
पुस्तक का विमोचन करते सीएम त्रिवेंद्र।
Unique identity of Uttarakhand

देहरादून। Unique identity of Uttarakhand  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित सभागार में प्रो. आर.एम. नौटियाल एवं राजलक्ष्मी दत्ता द्वारा संयुक्त रूप से संपादित पुस्तक डबलमेंट डायनाॅमिक आॅफ ए हिमालयन स्टेट (भाग एक व दो) का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस पुस्तक को समीक्षात्मक एवं बहुआयामी बताते हुए कहा कि दीर्घकालीन सोच के साथ लिखी पुस्तकों का उद्देश्य ही व्यवहारिक समस्याओं को समझने में मददगार होना चाहिए। पुस्तकों का उद्देश्य एवं प्रयास दीर्घकालिक एवं मार्गदर्शक हो इसके भी प्रभाव होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड की अपनी विशिष्ट पहचान है।

प्रदेश की भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु के अनुरूप उत्पादों को बढावा देने में शोध की आवश्यकता है। नया राज्य होने के नाते यहां अभी विकास के नये आयाम लिखे जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी क्षेत्र में किया जाने वाला शोध व्यवहारिक होना चाहिए।

कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में किये जाने वाला शोध राज्य के युवाओं को इससे जुडने में मददगार हो सकता है। यदि हमारे उत्पाद गुणवत्ता युक्त होंगे तो हम इस दिशा में हिमाचल प्रदेश को भी पीछे छोड़ सकते हैं। इस क्षेत्र में युवाओं की सक्रिय भागीदारी से हम 10 प्रतिशत गांवो की तस्वीर बदलने मे भी कामयाब हो सकते हैं।

पुस्तक की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत

इस अवसर पर प्रो. नौटियाल ने पुस्तक की संक्षिप्त रूपरेखा भी प्रस्तुत की एवं बताया कि यह पुस्तक उत्तराखण्ड के धारणीय विकास एवं नीति नियोजन में मील का पत्थर साबित होगी। पुस्तक विमोचन के अवसर पर आए प्रो.एस.पी.सिंह (पूर्व कुलपति हे.न.ब. केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर) ने कहा कि यह पुस्तक राज्य के लिये एक संदेश है कि राज्य के विकास की क्या योजना होनी चाहिए।

उनका मानना था कि उत्तराखण्ड राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं एवं हम सभी के संयुक्त प्रयास से लक्षित उद्देश्य को प्राप्त करना होगा। दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सी.एस.नौटियाल ने कहा कि आज राज्य को एक नये विकास माॅडल की आवश्यकता है जिससे कि योजनाओं को समय पर पूर्ण किया जा सकें एवं यह योजनाएं समाजोन्मुखी होनी चाहिए।

पुस्तक का विस्तृत विवरण डाॅ. राजलक्ष्मी दत्ता द्वारा पीपीटी के माध्यम से दिया गया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक विकास के पर्वतीय परिप्रेक्ष्य के विमर्श पर आधारित है, जो कि नवोदित राज्य उत्तराखण्ड के लगभग 17 वर्षों की विकास यात्रा को समाहित करती है।

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