Umesh Kumar may have to return to Doon jail
देहरादून। Umesh Kumar may have to return to Doon jail स्टिंग प्रकरण में फंसे निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार पर जमीन धोखाधड़ी के पुराने मुकदमे में कार्रवाई की तलवार लटक गई है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया। इस मामले में अंतिम सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।
पुलिस ने कोर्ट से नए सिरे से इस मुकदमे में वारंट जारी कराने की तैयारी शुरू कर दी है। रांची के मुकदमे में यदि उमेश को जमानत मिल भी गई तो उन्हें वापस देहरादून जेल आना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव का स्टिंग आपरेशन करने में नाकाम रहे एडिटर इन्वेस्टिगेशन आयुष गौड़ को धमकाने के मामले में राजपुर पुलिस ने निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार की गिरफ्तारी की थी। इसी दौरान पुलिस ने रायपुर थाने में 2007 में दर्ज हुए जमीन के धोखाधड़ी के मामले में उमेश कुमार पर शिकंजा कसने की कोशिश की थी।
उमेश के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की अवधि को बढ़वाकर पुलिस को झटका दे दिया था। उमेश इस प्रकरण में 2010 से स्टे लिए थे। इसी बीच 16 नवंबर को स्टिंग प्रकरण में उमेश को जनपद न्यायाधीश की कोर्ट जमानत मिल गई।
उमेश कुमार को रांची जेल शिफ्ट कर दिया
उसी दिन आधी रात के बाद पुलिस ने राष्ट्रदोह के एक अन्य मुकदमे में उमेश कुमार को रांची जेल शिफ्ट कर दिया। उधर पुलिस ने मनोरंजनी शर्मा की तरफ से जमीन धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी आदेश को निरस्त कराने के लिए 19 नवंबर को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद उमेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी आदेश की अवधि नहीं बढ़ाई है। उच्च न्यायालय के अभियोजन पक्ष की तरफ से उन्हें लिखित में गिरफ्तारी पर रोक हटने संबंधी जानकारी प्राप्त हुई है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश की प्रति अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
आदेश की प्रति प्राप्त होने के बाद उमेश कुमार के खिलाफ अदालत से वारंट जारी कराकर उसे रांची जेल में तामिल कराया जाएगा, ताकि रांची से उमेश कुमार को वापस देहरादून जेल शिफ्ट किया जा सके।