आकांक्षा हत्याकांड : जुलाई 2010 तक उदयन ने खुद निकाली पेंशन

Akansha

भोपाल। आकांक्षा हत्याकांड और रायपुर में माता पिता की हत्या कर दपफनाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस को हाथ लगे दस्तावेजों के अनुसार मंत्रालय स्थित सांखियकी एवं आर्थिक संचालनालय में उपसंचालक रही उदयन दास वर्ष 2004-05 में रिटायर्ड होने के बाद से जुलाई 2010 तक लगातार खुद बैंक जाकर पेंशन ली। बैंक और विभाग के पास इसके दस्तावेज मौजूद हैं।

उसके बाद से उदयन का न तो कोई पता चला और न ही परिजनों की ओर से कोई जानकारी दी गई। पुलिस अनुसार अपनी मां की हत्या करने के बाद उनके खाते से उदयन हर महीने पफर्जी तरीके से पेंशन की रकम निकालता रहा। रायपुर पुलिस ने उदयन और वीके दास के दो बैंक अकाउंट के दस्तावेज जब्त किये हैं। कल रात पुलिस भोपला से रायपुर के लिए रवाना हो गई है। रायपुर सीएसपी राजवी शर्मा ने बताया कि भोपाल में मिले दस्तावेजों और आरोपी के बयानों की तस्दीक विशेष टीम बारीकी से कर रही है। इस हत्याकांड में कई राज खुलना बाकी है। आशंका है कि अभी भी उदयन ने कई बातें पुलिस को नहीं बताई है। लिहाजा उदयन को प्रोडक्शन वारंट पर कोलकाता से रायपुर लाकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी। इसके बाद ही सारी स्थितियां साफ होंगी। सीएसपी का कहना है कि सीरियल किलर उदयन की हिस्ट्री खंगालने पिछले तीन दिनों से भोपाल में डटी रायपुर पुलिस की टीम बीती रात वापस लौट रही है।

टीम ने भोपाल में रह रहे उदयन की मौसी, मौसा और अन्य रिश्तेदारों से प्रारंभिक पूछताछ की थी। उदयन द्वारा बनवाए गए मां.बाप के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, उदयन के घर से बरामद बैंक खाते, फिल्मों और क्राइम सीरिल्यस की ढेरों सीडी आदि भोपाल पुलिस ने रायपुर पुलिस को सौंप दिया है। वहीं बांकुरा कोलकाता पुलिस से मिले आरोपी के बयानों के इनपुट के आधार डीडी नगर पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। सिपर्फ लालच में बना सीरीयल किलर पुलिस सूत्रों ने बताया कि उदयन ने मां-बाप की हत्या उनसे तंग आकर नहीं बल्कि उनकी रकम हड़पने तथा प्रापर्टी हड़पकर अयाशी करने के लिए की थी। मां-पिता की हत्या के बाद उनके बैंक अकाउंट से धीरे-धीरे करके लाखों रुपए निकाले। कई एफडी भी तुड़वाई। वह सारे पैसे रिच लाइपफ स्टाइल और शौक पूरा करने में खर्च करता रहा। महंगे गैजेट्स और घूमने-फि रने में ही उसने 20 लाख से ज्यादा उड़ाए दिए। उदयन को पैसे कमाने का जुनून जरूर था, लेकिन जब मां-बाप और आकांक्षा के बैंक खाते में लाखों रुपए जमा होने का उसे पता चला तो उस रकम को हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तीनों की हत्या कर दी।

वह साइको नहीं बल्कि सीरियल किलर है। हालांकि उदयन ने बंगाल पुलिस को दिए गए बयान में मां-बाप को मारने के पीछे यह कारण बताया है कि वे उसकी जिंदगी बनाने के बजाय पढ़ाई का बोझ लादकर इंजीनियर बनाने पर आमदा थे, जबकि वह बिजनेस करना चाहता था। उसकी एक भी इच्छा परिजनों ने पूरी नहीं की, बस चाहते थे कि जैसा वे चाहें वैसा वह उदयन करे। विभाग में नहीं है इंद्राणी के साथ काम करने वाले मंत्रालय स्थित सांख्यिकी एवं आर्थिक संचालनालय के कई अफसरों का कहना है कि इंद्राणी दास के बारे में जानकारी चाही। उनका कहना है कि मप्र से अलग होने के बाद इंद्राणी कुछ सालों के लिए विभाग में उपसंचालक थीं। उनके साथ काम करने वाला कोई भी अधिकारी.कर्मचारी फिलहाल यहां पदस्थ नहीं है।

अधिकांश तो रिटायर हो चुके। उन्होंने कहा कि वे इंद्राणी से कभी नहीं मिले सिर्फ इतना बता सकते हैं कि उन्होंने रिटायर होने के बाद से जुलाई 2010 तक हर महीने पेंशन खुद ही बैंक से ली है। उनका कहना था कि इंद्राणी दास की मौत की जानकारी उन्हें अखबारों से मिली। पुलिस भी उनके बारे में जानकारी लेने आई थी। कई अहम जानकारियां और इंद्राणी से जुड़े कुछ दस्तावेज पुलिस ने लिये हैं। इनका कहना है आकांक्षा की पीएम रिपोर्ट आ गई है। जिसमें गला घोंटकर हत्या करने की बात सापफ हुई है। रायपुर पुलिस बीती रात वापस लौट गई है। हमसे उन्होने जांच के दौरान कोई सहयोग नहीं लिया न ही कोई जानकारी हमे दी है।