2 आसान तरीके जो 7 साल जिन्दगी को बढ़ाएं

Healthy life

हर इंसान की इच्छा होती है कि वह बेहतर और स्वस्थ जीवन बिताए, इसलिए वह स्वास्थ्य रहने के लिए तमाम तरह की कोशिशें करता है। लेकिन दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं जो अपनी सटीक कई कदम उठाने के बावजूद बहुत ही छोटी ऐसी गलतियाँ करते हैं, जिनमें कि वजह से वह बीमार पड़ जाते हैं। विशेषज्ञों और स्वास्थ्य से संबंधित काम करने वाले कई विश्व संस्था कई बार कह कि चुके हैं कि धूम्रपान और शराब न केवल स्वस्थ जीवन के लिए खतरा हैं, बल्कि यह जल्द मौत का कारण भी बनते हैं। लेकिन अभी हाल ही में एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हो गई कि सिगरेट और शराब स्वास्थ्य के लिए उपयोगी नहीं हैं।
No-smoking
अमेरिका की मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि 2 सरल और सामान्य सिद्धांतों का पालन करके लोग न केवल स्वस्थ बल्कि आम इंसानों से कम से कम 7 साल के लंबे जीवन भी बिता सकते हैं। साइंस जर्नल ‘हेल्थ अफेयर्स’ में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के अनुसार आजीवन ‘शराब’ और ‘धूम्रपान’ न करने वाले व्यक्ति आम इंसानों की तुलना 7 साल अधिक जीवन जीते हैं, जबकि उन्हें कोई बीमारी नहीं होती। रिपोर्ट के अनुसार मिशिगन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने 50 से 80 साल उम्र के 14 हजार अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित डेटा की समीक्षा। इन लोगों में महिलाएं भी शामिल थीं, जबकि डेटा सिगरेट और शराब करने वाले लोगों सहित अन्य लोगों के डेटा शामिल था।
Drinking wine,
समीक्षा से पता चला कि जो व्यक्ति आजीवन धूम्रपान नहीं करते वे आम लोगों की तुलना में कम से कम 4 से 5 साल अधिक जीवन बिताते हैं, जबकि पुरुषों और महिलाओं पर इसके अलग प्रभाव पड़ता है, महिलाओं को पुरुषों की तुलना अधिक से अधिक जीवन जीती हैं। डेटा में यह बात भी स्पष्ट हुई कि जो आजीवन शराब नहीं पीता है वे लोग आम लोगों की तुलना 7 साल के लंबे जीवन बिताते हैं। आंकड़ों के मुताबिक जो पुरुष सप्ताह में 14 बार और महिलाओं सप्ताह में 7 बार शराब का सेवन करती हैं, वह 80 साल की उम्र के लोगों की तुलना 7 साल कम जीवन बिताते हैं।
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रिपोर्ट में बताया गया कि बात केवल जीवन बिताने तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि शराब और धूम्रपान से बचने से व्यक्ति बीमारियों से भी सुरक्षित रहते हैं। आंकड़ों के अनुसार आजीवन शराब और धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति मोटापे का शिकार नहीं होते, और न ही ऐसे व्यक्ति 50 साल की उम्र के बाद विकलांग का शिकार होते हैं।
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