क्या वास्तव में त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ चल रही है साजिश?

Trivendra singh rawat sarkar
क्या वास्तव में Trivendra singh rawat sarkar के खिलाफ चल रही है साजिश?

देहरादून । राज्य में त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और सीएम रावत अपने विकास के लक्ष्य को भी निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन उनके विरूद्ध संभवतः साजिश भी कहीं न कहीं चल भी पड़ी है। सदन में रिकार्ड तोड़ संख्या बल होने के बावजूद रावत सरकार (Trivendra singh rawat sarkar) की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने लगे हैं।

हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ विरोधियों द्वारा सियासी गलियारों में अपने मंसूबों की हल्की सी फुहार छोड़े जाने की चर्चाएं सामने आयीं तो भाजपा की राजनीति में कमतर भूचाल सा आ गया था। भले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट ने रावत सरकार के खिलाफ उठे इस मामले को कोरी अफवाह बताया और बाकायदा भटट ने मीडिया के सम्मुख अपनी ओर से सफाई देते हुए स्पष्ट कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ अफवाह फैला रहे हैं उन्हें सबक सिखाया जाएगा।

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प्रदेश में रावत की सरकार के खिलाफ इस तरह की साजिश आखिर कौन लोग फैला रहे हैं, इसका पर्दाफाश होना बेहद आवश्यक है। सवाल यह है कि भले ही अजय भटट ने सियासत में थोड़े से आये भूचाल को मात्र अफवाह बताकर मामले को सिरे से खारिज कर दिया हो, लेकिन रावत सरकार के खिलाफ कुछ साजिश रचे जाने का सिलसिला किसी एक कोने से जरूर शुरू हो गया है।

चाय पर चर्चा के विषय को लेकर राज्य में सनसनी पैदा कर दी थी

पिछले दिनों ही भाजपा के एक विधायक के दिल्ली में पार्टी आलाकमान के दरबार में Trivendra singh rawat sarkar की शिकायत करने के एक खबर के मामले ने सीएम रावत में न सिर्फ विरोधी होने की दस्तक दे दी थी, बल्कि भाजपा की राजनीति में सनसनी भी दौड़ा दी थी।

दून से लेकर दिल्ली दरबार तक इस इकलौते विधायक द्वारा की गयी शिकायत का मामला विधायक के लिए काफी भारी पड़ गया था। अब उसके बाद रावत सरकार के खिलाफ दूसरा सियासी तीर छोड़ दिया गया है, जिसने संभवतः खुद मुख्यमंत्री को ही हिलाकर रख दिया है।

यही नहीं, करीब एक पखवाड़ा पूर्व भी पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा चाय पर चर्चा के विषय को लेकर राज्य में सनसनी पैदा कर दी थी। राज्य की सियासत में सनसनी दौड़ा देने वाले इन तीनों ही सनसनी खेज मामलों से यह बात तो साबित हो ही जाती है कि प्रदेश की रावत सरकार के लिये हाल के दिन कुछ अच्छे नहीं है।

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