त्रिपुरा सरकार कट्टरपंथी साम्प्रदायिक दंगाइयों को सख़्त सज़ा दे : मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी

Tripura government should give strict punishment to radical
प्रेस क्लब ऑफ त्रिपुरा में जमीयत उलेमा त्रिपुरा की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।

Tripura government should give strict punishment to radical

दंगा प्रभावित दुकानों, मकानों और धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना, पीड़ितों को उचित मुआवज़ा और अल्पसंख्यकों की दी जाए
सुरक्षा एवं राज्य के डीजीपी और प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस प्रशासन को किया जाए निलंबित

अगरतला/नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर ) | Tripura government should give strict punishment to radical आज जमीअत उलमा त्रिपुरा के नेतृत्व में प्रेस क्लब आफ त्रिपुरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जमीअत उलमा हिंद के केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, महासचिव, जमीअत उलमा ए हिंद ने त्रिपुरा के दंगे की गंभीर व चिंताजनक परिस्थितियों को बताया|

त्रिपुरा एवं केन्द्र की सरकारों से कहा कि यहां जुलूस में नबी अकरम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। दंगा, आग़जनी और अल्पसंख्यकों पर हमले करने वालो को सख़्त सज़ा दी जाए।

दंगा प्रभावित दुकानों, मकानों और धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना की जाए तथा उनके मालिकों को उचित मुआवज़ा दिया जाए। एवं राज्य के डीजीपी और प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस प्रशासन को निलंबित किया जाए। साथ ही यहां के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए विशेष दल तैनात किए जाएं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि त्रिपुरा सदैव से एक शांतिपूर्ण राज्य रहा है यहां हिंदू और मुस्लिम के नाम पर कभी बड़े सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए, लेकिन इन दिनों जिस तरह विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल इत्यादि ने राज्य के शांतिपूर्ण वातावरण को ज़हरीला और प्रदूषित किया है।

उसके परिणाम में त्रिपुरा के विभिन्न भागों में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के मकानों, दुकानों और मस्जिदों पर हमले किए गए, और उन्हें जलाया गया, जो अत्यधिक निंदनीय और पीड़ादायक है।

विश्व हिंदू परिषद की एक रैली में पैग़ंबरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शान में अत्यधिक अशोभनीय शब्द कहे गए लेकिन आज तक पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया।जबकि यह आवश्यक नहीं था कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करती और उनको उनकी करनी की सज़ा देती।

लेकिन इसके विपरीत, लाॅ एंड आर्डर के प्रमुख पुलिस डीजीपी श्री वी. एस. यादव ने ट्विटर के माध्यम से, यहां होने वाली घटनाओं को फेक न्यूज़ बताया और अपने बयान में यह सफेद झूठ का इस्तेमाल किया कि पानी सागर में किसी मस्जिद में आग़जनी नहीं की गई।

हमने पानी सागर का भी दौरा किया

इन कारणों को देखते हुए जमीअत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी साहब के निर्देशों पर जमीअत उलमा ए हिंद की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम, यहां घटनास्थल पर उपस्थित है। इस टीम में जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव, मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, मौलाना अब्दुल मोमिन, अध्यक्ष जमीयत उलमा त्रिपुरा, मौलाना गय्यूर अहमद क़ासमी और मौलाना यासीन जहाज़ी शामिल हैं।

मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि “हमने पानी सागर का भी दौरा किया है हमारे पास तस्वीर है। यहां मस्जिद सीआरपीएफ पानी सागर को अत्याचारियों ने निर्दयता से आग के हवाले किया है। जो कुछ भी यहां हुआ है वह रूह को कंपाने वाला है और यहां के मुस्लिम अल्पसंख्यक भयभीत हैं।”

कोई भी सरकार सत्यता से आंखे बंद करके या किसी वास्तविक घटना का खंडन करके, सच्चाई को दबा नहीं सकती और न वह अपनी ज़िम्मेदारी (कर्तव्य) से बच सकती है लेकिन इसका यह रवैया अपने संवैधानिक पद का निरादर करने जैसा है।

यह सरकार का संवैधानिक कर्तव्य होता है कि वह अपने अल्पसंख्यकों के जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा के कर्तव्य का निर्वहन करे, जिसमें यहां की सरकार और पुलिस दोनों असफल रहे हैं। जमीयत उलमा ए हिंद ने यहां जो कुछ भी देखा है उसकी फैक्ट रिपोर्ट तैयार करेगी और भारत सरकार के उच्च अधिकारियों से भेंट करके उन्हें प्रस्तुत करेगी।

हमारी लड़ाई इस देश के सम्मान और अखंडता की सुरक्षा की भी है, बिना किसी धार्मिक भेदभाव के पीड़ितों, असहायों व कमज़ोरों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए देश के सभी वर्गों के लोग एकजुट हैं। इस कॉन्फ्रेंस को जमीयत उलमा त्रिपुरा के अध्यक्ष, मुफ़्ती अब्दुल मोमिन शाह ने भी संबोधित किया।

जरा इसे भी पढ़े

आंगनबाड़ी बहनों को दीवाली से पहले मिलेगा शानदार तोहफा : सीएम
मोदी लूटन योजना समाप्त करे भाजपा : प्रो. गौरव
भाजपा को नहीं आता सरकार चलाना : आर्य