तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट हुए बंद

Third Kedar Bhagwan Tungnath doors closed

Third Kedar Bhagwan Tungnath doors closed

देहरादून। Third Kedar Bhagwan Tungnath doors closed पंच केदारों में तीसरे केदार के रूप में विश्वविख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बुधवार को पूरे रीति-रिवाज से बंद कर दिये गए।

कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु तीसरे केदार के दर्शन तुंगनाथ मंदिर मक्कूमठ में करेंगे। भगवान की डोली अपने प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। कपाट बंद होने से पहले भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की विशेष-पूजा अर्चना की गई।

इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली तुंगनाथ मंदिर की परिक्रमा की और तुंगनाथ से शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई। भगवान तुंगनाथ का मंदिर रुद्रप्रयाग जिले के तुंगनाथ पर्वत पर स्थित है, जो 3,460 मीटर की ऊंचाई पर है और पंच केदारों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है जो कि 1,000 वर्ष पुराना माना जाता है।

यहां भगवान शिव की भुजाओं की पूजा-अर्चना की जाती है। केदारनाथ धाम के बाद सबसे अधिक तीर्थयात्री भगवान तुंगनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पांडवों से रुष्ट थे।

तुंगनाथ की चोटी तीन धाराओं का स्रोत है, जिनसे अक्षकामिनी नदी बनती है। मंदिर चोपता मार्ग से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। कहा यह भी जाता है कि पार्वती माता ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां ब्याह से पहले तपस्या की थी।

जरा इसे भी पढ़ें

एनजीटी के आदेशों को ठेंगा, बहुमंजिला इमारतों का हो रहा निर्माण
ससुर ने ही की थी बहू की हत्या
उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन ने आयुर्वेद छात्रों के आंदोलन को दिया समर्थन