The whole world is looking towards India
देहरादून। The whole world is looking towards India मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के 40वें ज्ञानदीक्षा समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सभी छात्र अपने परिश्रम से इस ज्ञान की गंगोत्री को सफल बनाते हुए आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इस परमधाम में इस मौके पर आने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। प्रतिवर्ष 21 जून को आयोजित होने वाला योग दिवस इसका एक उदाहरण है।
आज देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में शौर्य दीवार पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ज्ञान दीक्षा समारोह का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। pic.twitter.com/hr5Eibv0qi
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 3, 2022
मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबको यहाँ बुलाया गया है, आप सब विशिष्ट कार्य के लिए बने हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए कि इस ज्ञान की गंगा के प्रभाव को कम नहीं होने देंगे और नए भारत को बनाने में सभी योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा हम सब के पास आने वाले 25 वर्षों में अमृत काल को स्वर्णिम अक्षरों में लिखने का मौका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने न्यू इंडिया का जो सपना देखा है हम सबको उस सपने को साकार करने में अपना योगदान देना है।
समाज में जनजागृति लाने का पुनीत कार्य भी किया गया : CM Dhami
मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा जी को याद करते हुए कहा कि इस संसार में बहुत कम गिने-चुने लोग हैं जिन्होंने अपने विचारों से करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा समाज में जनजागृति लाने का पुनीत कार्य भी किया गया।
कार्यक्रम में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आनलाइन जुडकर समारोह की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ज्ञानदीक्षा संस्कार विद्यार्थियों को नवजीवन प्रदान करने वाला है। जीवन में आध्यात्मिकता को उतारने का यह श्रेष्ठ अवसर है।
उन्होंने कहा कि यहाँ पाठ्यक्रम के अलावा जीवन जीने की कला सिखाई जाती है, जो विद्यार्थियों को ऊँचा उठाने में सहायक है। कार्यक्रम में कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, देश-विदेश से आये विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण मौजूद रहे।
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