The sacrifice of the Sahibzadas
देहरादून। The sacrifice of the Sahibzadas मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गुरूद्वारा, श्री गुरू सिंह सभा में वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने श्री गुरू सिंह सभा में माथा टेका एवं लंगर ग्रहण किया। उन्होंने संगत के साथ मिलकर पवित्र अरदास की और प्रदेश की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री ने दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह और उनके चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह साहब के साहिबजादों का जीवन त्याग, शौर्य, धर्मरक्षा और देश भक्ति का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने भारत के स्वाभिमान की रक्षा के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
वीर बाल दिवस के अवसर पर आढ़त बाजार, देहरादून स्थित गुरुद्वारा, श्री गुरु सिंह सभा में मत्था टेका और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह तथा उनके चारों साहिबजादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह… pic.twitter.com/aeXPHAozd5
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 26, 2025
उन्होंने कहा कि चारों साहिबजादों का बलिदान भारतीय इतिहास के साथ विश्व में भी वीरता और साहस का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इतिहास में ऐसा साहस, दृढ़ता और धर्मनिष्ठ त्याग कहीं और देखने को नहीं मिलता। नन्हें वीरों ने धर्म परिवर्तन स्वीकार करने के बजाय मृत्यु को स्वीकार किया। वीर साहिबजादों ने ये सिद्ध कर दिया कि स्वधर्म और राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती। इस अमर बलिदान को आने वाली पीढ़ियाँ कभी भुला नहीं सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पहली बार वीर साहिबजादों को उनका वास्तविक सम्मान दिया। प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित कर पूरे राष्ट्र को सिखों के गौरवशाली इतिहास से जोड़ा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम अपने गौरवशाली अतीत को संजोने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही वीर बलिदानियों के सपनों का भारत गढ़ने की दिशा में भी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी अभिभावकों और शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि अपने बच्चों को वीर साहिबजादों की गाथा अवश्य सुनाएं, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी अपने धर्म, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व कर सके।
इस अवसर पर अध्यक्ष, गुरु सिंह सभा सरदार गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव सरदार गुलजार सिंह, उपाध्यक्ष सरदार चरणजीत सिंह, भाजपा महामंत्री श्रीमती दीप्ति रावत, सिद्धार्थ अग्रवाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, दायित्वधारी पुनीत मित्तल, श्याम अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
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