सर्जिकल स्ट्राइक के मोदी सरकार के दावे पर सवाल

नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर राजनीति अब एक बार फिर से गरमा गई है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक के मोदी सरकार के दावे पर सवाल खड़ा होने के साथ ही तकरार बढ़ गई। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि पहली बार के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर कौन सच्चा है, विदेश्ण सचिव या रक्षा मंत्री? सूत्रों के मुताबिक विदेश्ण सचिव एस जयणंकर ने मंगलवार को संसदीय समिति को बताया कि आॅपरेान पहले भी हुए थे, लेकिन जितने बड़े पैमाने पर इस बार हुआ था वैसा पहले कभी नहीं हुआ। अब कांग्रेस इसी को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। हालांकि, संसदीय समिति में एस जयशंकर के बयान को लेकर ये सफाई आ रही है कि विदेश्ण सचिव ने ये भी कहा है कि इस बार सरकार ने न सिर्फ स्ट्राइक की, बल्कि इसे सार्वजनिक तौर पर कबूल करके ऐलान भी किया है। यही बात अहम है। कांग्रेस महासचिव और अपने तीखे बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को हाड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, विदेश सचिव एस जयशंकर ने भी माना कि सर्जिकल स्ट्राइक यूपीए सरकार के दौर में भी हुए हैं।

मिस्टर पर्रिकर, क्या उन्हें भी आरएसएस ने प्रश्णिक्षण दिया था। इसके साथ ही कांग्रेस नेता अभिषक मनु सिंघवी ने भी मोदी सरकार के दावे पर हमला किया है। इससे पहले विदेश्ण सचिव एस जयशंकर ने मसले पर हुए विवाद के बाद मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि भारतीय सेना की ओर से पहले नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमले किए गए हैं या नहीं, इस बारे में सिपर्फ सेना जानती है और ऐसे हमलों के बारे में कोई संदेश्ण नहीं दिया गया। सूत्रों ने कहा, विदेश सचिव ने कहा कि अहम मुद्दा यह है कि हमने लक्षित हमले करने के बाद सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी दी जिससे एक राजनीतिक-सैन्य संदेश्ण गया। पहले सीमा पार की गई कि नहीं, इसके बारे में सिर्फ सेना जानती है। लेकिन यह अप्रासंगिक है, क्योंकि कोई संदेश्ण ही नहीं दिया गया। विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति में हुए वाकयों के बारे में स्पष्टीकरण तब दिया गया जब कुछ विपक्षी सांसदों ने विदेश सचिव के हवाले से कहा कि सेना ने नियंत्रण रेखा के पार पहले भी विशिष्ट लक्ष्य पर, सीमित-क्षमता के आतंकवाद निरोधक अभियानों को अंजाम दिया है, लेकिन पहली बार सरकार ने इसके बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी। मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की बैठक में विदेश्ण सचिव एस. जयशंकर के अलावा उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव जी. मोहन कुमार और बीएसएफ के डीजी केके श्णर्मा श्णामिल हुए।

बैठक के बाद पहले जो खबर निकली वह विवादित हो गई। पहले विदेश्ण सचिव के हवाले से कहा गया कि सरकार ने पूर्व में भी हुई सर्जिकल स्ट्राइक की बात मान ली है। जयश्णंकर ने अपने बारे में भ्रामक तथ्यों की जानकारी होते ही तत्काल इसका खंडन कर दिया। उन्होंने कहा- ऐसी कार्रवाई सेना करती है, इसलिए वही इस पर बोल सकती है। मैंने सिपर्फ कार्रवाई की बात सार्वजनिक करने की जानकारी दी। करीब ढाई घंटे तक चली संसदीय समिति की बैठक में उप सेना प्रमुख ले. जन. बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी लांच पैड पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का ब्योरा दिया। आतंकियों को हुए नुकसान के बारे पूछे जाने पर कहा कि सेना सर्जिकल स्ट्राइक के लिए गई थी न कि सुबूत इकट्टा करने। सरकार के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि स्ट्राइक का उद्देश्य पूरा हो गया है, लेकिन पाकिस्तान को आशंका है कि भारत भविष्य में ऐसे ही स्ट्राइक करेगा। बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा।