प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

State mourning declared for three days in the state
दिवंगत मंत्री चंदन रामदास।

State mourning declared for three days in the state

राज्यपाल, सीएम, मंत्रियों व जनप्रतिनिधियों ने शोक व्यक्त किया

देहरादून। State mourning declared for three days in the state उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास नहीं रहे। बीमारी के चलते बुधवार को उनका निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।वह 65 वर्ष के थे।

राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मंत्री चंदन राम दास मंगलवार को देर सांय अपने गृह जनपद पहुंचे थे। बुधवार को उन्हें जिला योजना की बैठक सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होना था।

बुधवार सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। लगभग पौने 12 बजे के आसपास उन्हें जिला चिकित्सालय में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार गिरने लगा। ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होने के कारण कार्डियक अटैक पड़ने से उन्होंने अंतिम सांस ली।

मंत्री चंदन रामदास के निधन पर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 26 से 28 अप्रैल तक राजकीय शोक रहेगा। चंदन राम दास 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। इससे पूर्व एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव चुने गए थे।

उनका सरल, सहज एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व था : CM Dhami

2007, 2012, 2017 और 2022 में वह लगातार चैथी बार विधायक चुने गए। कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में हमारे वरिष्ठ साथी चंदन राम दास का निधन पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने समाज में गरीबों, शोषितों, पिछड़ों के लिए और आम आदमी की भलाई के लिए संपूर्ण जीवन कार्य किया। वे एक संघर्षशील नेता थे। उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम छोर में खड़े लोगों की आवाज को उठाने और समाधान की ओर ले जाने का कार्य किया। उनका सरल, सहज एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व था।

मुख्यमंत्री ने  दिवंगत आत्मा को सभी प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मंत्री रेखा आर्या ने ईश्वर से दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने व संपूर्ण परिवार को यह दुख सहने की अपार शक्ति प्रदान करने की कामना की है।

उन्होंने कहा कि हमने आज एक सरल और संजीदा स्वभाव के नेता को खो दिया दिया है। कहा कि दास जी का असमय चले जाना प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सरकार में अपने सहयोगी कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधानसभा से विधायक चन्दन राम दास के आकस्मिक निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। श्री महाराज ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधानसभा से विधायक चन्दन राम दास पिछले कुछ समय से एनीमिया और शुगर की बीमारी से ग्रस्त थे लेकिन उसके बावजूद भी उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा था।

अचानक इस तरह से उनका हमें छोड़ कर चले जाना हम सभी को स्तब्ध कर रहा है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

उनका अभाव हमेशा खलता रहेगा : Satpal Maharaj

श्री महाराज ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, बागेश्वर विधायक चन्दन राम दास विशाल व्यक्तित्व के धनी होने के साथ-साथ अपने समाज, क्षेत्र और पूरे उत्तराखंड के लिए कार्य करते थे। उनका इस तरह अकस्मात चले जाना हम सभी के लिए बहुत ही दुखद है। उनका अभाव हमेशा खलता रहेगा, इसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने शोक प्रकट करते हुये इसे अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि चंदन राम दास जी जन-जन के नेता थे, प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेता को खो दिया है। सौम्य व मधुर व्यवहार के धनी चंदन राम दास की कमी हमेशा खलती रहेगी।

डा. रावत ने उनके निधन को अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक बताते हुये, ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों एवं समर्थकों  के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

डा. रावत ने बताया कि चंदन रामदास विगत कुछ वर्षों से बीमार चल रहे थे। राज्य सरकार ने उन्हें हरसंभव बेहतर उपचार उपलब्ध कराया लेकिन आज अचानक स्वास्थ्य खराब होने से उनका अकस्मिक निधन हो गया।

उन्होंने बताया कि चंदनराम दास जी ने अपना राजनीतिक सफर अस्सी के दशक में बतौर छात्र नेता से शुरू किया, इसके उपरांत वह 1997 में नगर पालिका बागेश्वर में निर्दलीय पालिका अध्यक्ष बने। वह लगातार चार बार विधायक चुने गये। अपने सौम्य व्यवहार के चलते वह आम जनता के चहेते नेता थे।

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