State government should help traders
देहरादून। State government should help traders कोरोना काल में व्यापारियों को क्या-क्या समस्याएं हैं इस पर व्यापार मंडल द्वारा वर्चुअल मीटिंग की गई, जिसमें कई बाजारों के प्रतिनिधी शामिल हुये।
जिसमें दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन ने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति चरम पर हैं और रोज 1500 से ऊपर केस आ रहे हैं जिसके कारण हर समुदाय के व्यक्तियों में भय का माहौल पैदा हो रहा हैं इससे व्यापारी भी अछूता नही हैं।
बाजारों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए सरकार को व्यापारियों की सुरक्षा के लिए कुछ अहम कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि करोना महामारी के चलते व्यापार पूरी तरह से ठप्प पड़ चुका हैं, बाजारों में काम बिल्कुल भी नहीं हैं, व्यापारी बुरी तरीके से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।
साथ ही व्यापारी के ऊपर बैंक का लोन चुकाने की तलवार लटकी हुई हैं। अगर कोई व्यापारी करोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसे तो क्वारांटाइन होना ही है और इलाज के लिए भी जाना है लेकिन साथ ही उसका परिवार भी क्वारांटाइन की स्थिति में आ जाता हैं।
व्यापारी पर दोहरी आर्थिक मार पड़ती हैं : Pankaj Masson
व्यापारी का स्टाफ भी क्वारांटाइन होने पर मजबुर हो जाता है जिससे की व्यापारी पर दोहरी आर्थिक मार पड़ती हैं, क्योंकि उसे परिवार के साथ साथ स्टाफ की भी सारी जरूरते पूरी करनी पड़ती हैं। साथ ही उनकी सैलरी भी देनी पड़ती हैं और भी कई प्रकार के संकटों से व्यापारी को जूझना पड़ता हैं।
पंकज मैसोन ने सरकार से मांग करते हुये कहा कि बाजारों की स्थिति और कोरोंना की महामारी को देखते हुए अगर बाजारों का समय सुबह 10 :30 से 4:30 कर दिया जाए या फिर 14 दिनों का सम्पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया जाए या रविवार और सोमवार दो दिन बाजार बंद कर सैनिटाईजेशन किया जाए जिससे कि कोरोंना जैसी भयंकर महामारी को कुछ हद तक रोकने की कोशिश हो सके जिससे करोना की चेन टूट सके।
उन्होंने सरकार से मांग कि की इन सारी बातों पर सरकार ध्यान दे और ये भी ध्यान रखे कि अगर किसी व्यापारी की मृत्यु कोरोना से हुई हैं तो जो सहायता एक सरकारी कर्मचारी को मिलती हैं वो ही सहायता व्यापारी के परिवार को भी तुरंत मिलनी चाहिए, जिससे कि वह परिवार आर्थिक तंगी के चलते दयनीय स्थिति में ना आए।
इस दौरान वर्चुअल बैठक में अलग-अलग बाजारों के प्रतिनिधियों एवम् पदाधिकारियों ने भाग लिया जिसमें मुख्य संरक्षक पृथ्वी राज चौहान, अशोक वर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेखर फुलारा, उपाध्यक्ष हरीश विर्मानी, राजीव सच्चर, महासचिव पंकज दीदान, सहसचिव अनिल आनंद, कोषाध्यक्ष राकेश किशोर गुप्ता, संरक्षक रवि मल्होत्रा, सुशील अग्रवाल, तेज प्रकाश तलवार, हरीश गुप्ता, विश्वनाथ कोहली, संतोष कोहली, ऑर्गनाइजर सेक्रेटरी विनय नागपाल।
विभिन्न बाजारों के प्रतिनिधि
पलटन बाजार से अनूप चौरसिया, नीरज टंडन, राजेश श्रीवास्तव, आशीष मल्होत्रा, नदीम बैग, मनीष मोनी, प्रवीण जैन, हरजीत सिंह चड्ढा मोहित भट्टनागर। घोसी गली से सुरेश विरमानी, फजल खान अंकित वासन, संजीव श्रीवास्तव, मदन खत्री, सौरभ गंभीर। डिस्पेंसरी रोड से शेखर कपूर, तीरथ सचदेवा, परवीन मित्तल, सचिन जैन।
राजीव गांधी कॉम्प्लेक्स से केवल कुमार, जसपाल छाबड़ा। फ्रूट मार्केट से सुरेन्द्र भाटिया, अहमद हसन। तहसील मार्केट से इन्द्र प्रकाश सहगल संजीव टंडन, कमल अरोड़ा। सर्निमल बाजार से हरदयाल सिंह, दर्शन गुलाटी, रहीश खान, भारत गुलाटी, अतुल अग्रवाल। रामा मार्केट से जितेंद्र अरोड़ा, रमन लांबा।
धामवाला से विनोद कुमार, नेभराज कुकरेजा, संदीप रस्तोगी, सचिन गोयल। मोती बाजार से दीप मिनोचा , विवेक सेठी , राधे श्याम कोहली, मधुर शर्मा। मच्छी बाजार से दिव्य कुकरेजा , विनय सेठी। गुरु राम राय मार्किट से मोहन लाल गर्ग, सरनजीत सिंह, अक्षय मित्तल।
बाबू गंज हनुमान चैक दर्शनी गेट पीपल मंडी से अमन सड़ाना, आनंद गर्ग, आशीष शर्मा। लोकल बस स्टैंड से अनिल श्रीवास्तव, मोनू तोपवाल, परवीन जोशी। कारगी चैक से हेमस्तोगी, संजय नौटियाल।
बालक राम मार्किट से शौकि, डिंपल। प्रेमनगर बाजार से पुनीत सहगल, अशोक वर्मा, जीतेन्द्र तनेजा एवं और भी कई बाजारों से अलग अलग समय पर वर्चुअल मीटिंग में मौजूद रहे साथ ही अपनी बात भी रखी।
जरा इसे भी पढ़े
पहाड़-मैदान एक करने की जुगत में लगे प्रीतम
पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ बुलंद हुई आवाज
पीडब्ल्यूडी टेंडर घोटाले की विजिलेंस जांच होनी लगभग तय : मोर्चा