श्रीश्री रविशंकर ने छात्रों को बताए तनाव से दूर रहने के उपाय

Sri Sri ravishankar

कोटा। आॅर्ट आॅपफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने रविवार को उत्साह कार्यक्रम में छात्रों और कोचिंग संचालकों को संबोधित किया। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार सुबह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विशेष विमान से जयपुर से कोटा पहुंची। मुख्यमंत्री के कोटा पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कोटा में कोचिंग छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृति के बीच कोचिंग संचालकों से कहा कि वे बच्चों को पढ़ाई कराएं। पढ़ाई अच्छी बात है लेकिन छात्रों को रिलेक्स होने का अवसर भी दें। उन्होंने कहा कि आने समय में कोटा में विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें अलग- अलग विधओं के छात्र प्रस्तुतियां दे सकेंगे। बच्चों के लिए ऐसा स्टेशन तैयार किया जाएगा, जहां बच्चे अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा अवसर मिलेगा। श्रीश्री रविशंकर ने कोचिंग के विद्यार्थियों को उत्साह व उमंग से भर दिया। उन्होंने बड़ी तादत में मौजूद कोचिंग विद्यार्थियों को सफलता के सूत्र बताते हुए रोज ध्यान करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मंजन करने के बाद हर दिन कम से कम 10 मिनट ध्यान करें और आंखें बंद कर सोचें कि पहले मैं कहां था, आज कहां हूं एवं कुछ वर्षों के पश्चात कहां जाऊंगा। उन्होंने कहा कि जब कभी तनाव हो तो गहरी सांस लें और ओम का उच्चारण करते हुए सांस को ध्ीरे ध्ीरे छोड़ते चले जाएं। छात्रों ने एक के बाद एक कई प्रश्न पूछे। बच्चों ने श्रीश्री के विवाह नहीं करने की वजह भी पूछी तो, आध्यात्म की परिभाषा और माता-पिता व परिवार से दूर रहने की पीड़ा को भी बताया। श्रीश्री ने बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अपने आप से प्रेम करना, माता पिता की आज्ञा का पालन करना, किसी का दिल न दुखाना व अपने कर्म को ईमानदारी से पूर्ण करना ही आध्यात्म है। माता-पिता से दूरी व घर की याद सताने जैसे प्रश्न के जवाब में श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि ऐसे अवसर पर ध्यान करें। संगीत सुने और कोई सृजनात्मक कार्य करें। इससे आपका तनाव दूर होगा और राहत मिलेगी। श्रीश्री से उनके विवाह को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि मेरे जीवन का लक्ष्य ध्यान योग को लोगों तक पहुंचाना है। दूर दराज के कार्यक्रम रहने से समय नहीं मिलता। इसलिए कभी इस विषय में सोचा ही नहीं।