नई दिल्ली। प्रो. कुश्ती लीग के दूसरे संस्करण में भारत के सबसे महंगे पहलवान बनकर उभरने के बावजूद बजरंग पूनिया का मानना है कि खेल में पैसा नहीं, बल्कि आपका श्रेष्ठ प्रदर्शन ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शन के बल पर ही कुश्ती लीग में महंगे खिलाड़ी बने हैं। उन्होंने कहा कि कुश्ती लीग के आने से कुश्ती और पहलवान, दोनों को ही फायदा मिला है। बता दें कि इस बार कुश्ती लीग में दिल्ली ने उन्हें 38 लाख रुपये में खरीदा है। उन्होंने कहा कि कुश्ती लीग से गरीब पहलवानों को काफी फायदा हुआ है।
इस लीग के आने से उन्हें चोटों जैसी समस्याओं से उबरने में काफी सहायता मिली है। लीग में विदेशी पहलवानों से मुकाबले को लेकर अपनी तैयारियों पर उन्होंने कहा कि हम विदेशी पहलवानों के मैचों के वीडियो को देखकर उनके खिलाफ लड़ने की रणनीति तैयार करते हैं। वीडियो में उनके दांव पेंच का बारीकी से अध्ययन किया जाता है और उसी मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाता है। खेलों के प्रति मोदी सरकार के नजरिये की तारीफ करते हुए कहा कि खेलों को लेकर प्रधानमंत्री की योजनाएं काफी कारगर हैं और वह उससे काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार वास्तव में खेलों को लेकर गंभीर है। हाल ही में खिलाड़ियों के लिए हरियाणा में कुश्ती हाॅल का निर्माण कराया गया है जो पहलवानों को प्रशिक्षण देने में काम आ रहा है। यहां कोच और प्रशिक्षक हमेशा उपलब्ध रहते हैं। बजरंग ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि ग्रामीण इलाकों में टर्फ बिछे कुश्ती स्टेडियम बनाए जाएं तो ओलंपिक में कुश्ती स्पर्धा में पदकों की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। साथ ही गांव के युवक इस खेल की तरफ आकर्षित होंगे और नशे की ओर उनके बढ़ते रुझान को रोकने में भी मदद मिलेगी।