Speedy disposal of pending criminal cases
देहरादून। Speedy disposal of pending criminal cases जिलाधिकारी सविन बंसल ने सत्र और अपर सत्र न्यायालयों में विचाराधीन वादों की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने शासकीय अधिवक्ता को निर्देशित किया कि जिन कारणों से वाद न्यायालयों में लंबित है, इसका स्पष्ट उल्लेख करें और उनके समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए। ताकि लंबित आपराधिक वादों का जल्द से जल्द निस्तारण हो सके।
न्यायालयों में लंबित मामलों की स्थिति, गवाहों की उपलब्धता और न्यायालयों में की जा रही पैरवी की गहन समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने शासकीय अधिवक्ताओं को निर्देश दिए कि वे हर मामले में न्यायालय को समय से साक्ष्य प्रस्तुत करें। गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। आपराधिक मामलों पर विशेष ध्यान दें और पूरे साक्ष्य, गवाहों और जिम्मेदारी के साथ मामलों की पैरवी की जाए। जिन आपराधिक मामलों में अभी तक चार्जशीट दाखिल नही की गई, उस पर त्वरित कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए दोषियों को समय पर सजा दिलाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिन कारणों से आपराधिक वाद न्यायालयों में लंबित चल रहे है, उन कारणों का स्पष्ट उल्लेख करें, ताकि उनका तेजी से निराकरण किया जा सके।
इस दौरान जिलाधिकारी ने न्यायालयों में कुल लंबित वाद, गतिमान वाद, प्रत्येक वाद की अद्यावधिक स्थिति, लंबित होने के कारण और उसके समाधान को लेकर विस्तार से समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि न्यायालयों में विचाराधीन/लंबित वादों की प्रगति को लेकर प्रत्येक माह समीक्षा बैठक की जाएगी।
संयुक्त निदेशक विधि एवं जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जनपद देहरादून के बड्स न्यायालय के अंतर्गत जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के संबंध में 05, गैंगस्टर न्यायालय के अंतर्गत 07, सत्र न्यायालय के अंतर्गत 28, पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के अंतर्गत 38, एफटीएससी के 41, एनडीपीसी एक्ट के 19, पॉक्सो के 81, अपर सत्र न्यायालय विकासनगर के 18, ऋषिकेश के 11 मामले विचाराधीन है। इन मामलों में सुनवाई विचाराधीन/गतिमान है।
बैठक में अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशा) जय भारत सिंह, एसडीएम अपूर्वा सिंह, संयुक्त निदेशक विधि गिरीश चंद्र पंचोली, जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) जीपी रतूडी आदि उपस्थित थे।
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