कुलदीप के गानों पर जमकर थिरके दर्शक

Songs of Kuldeep
Songs of Kuldeep

रुद्रप्रयाग। Songs of Kuldeep त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले की दूसरी संध्या कुलदीप कप्रवाण एवं पूनम सती के नाम रही। स्थानीय कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुति पर देर रात तक दर्शक थिरकते रहे। दर्शकों ने कार्यक्रम का जमकर लुत्फ उठाया।

मदमहेश्वर मेले की दूसरी भजन संध्या का शुभारंभ स्थानीय लोक कलाकार कुलदीप कप्रवाण ने भोले बाबा की स्तुति से किया, जबकि लोक गायिका पूनम सती ने बधाणै की नन्दा भजन गया। इसके बाद गायक कप्रवाण ने अपनी प्रसिद्ध लोक एलबम मेरी राजुला गीत दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया।

इस गीत पर दर्शक अपनी-अपनी जगहों से थिरकने लगे। श्री कप्रवाण ने हे रूड़ी, चैता की चैत्वाली, कमला बठिणा, मिजाज्या रे तरू की भी शानदार प्रस्तुति दी। नृत्य निर्देशक अंकुश सकलानी ने मेरे को पहाड़ी मत बोलो मैं देहरादून वाला हूं एवं मंगतू बेटा की प्रस्तुति दी।

लोक गायक नवीन नवीन सेमवाल की मेरी बामणी प्रस्तुति भी शानदार रही। भाग चन्द्र सावन ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को भावुक किया। गौरव मैठाणी, नवीन शैव, नीरज व अनिल ने संगीत पर साथ दिया। रिंकू जसवाल, साक्षी राणा, संजय कोठियाल, अंजलि रावत, देवेश कोठियाल, प्रियाशा परी व शुभम ने नृत्य पर साथ दिया।

कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मण सिंह नेगी ने गढ़वाली भाषा में किया। भजन संध्या में बतौर मुख्य अतिथि मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने कहा कि आने वाले समय में मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप दिया जायेगा। जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी ने सास्कृतिक कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता खुशहाल नेगी, सचिव प्रकाश रावत, कोषाध्यक्ष महावीर सिंह रावत, अनसूया प्रसाद भट्ट, जगदीश लाल, विनोद रावत, विजेन्द्र नेगी, श्याम सिंह बिष्ट, नागेन्द्र तिवारी, शशि भूषण मैठाणी, अरविंद मैठाणी, ओम प्रकाश जमलोकी, रमेश नौटियाल, राकेश तिवारी, दिनेश तिवारी, विमल दानू, अर्जुन रावत, बावी रावत, राजेन्द्र सिंह नेगी सहित सैकड़ों दर्शक मौजूद थे।

जरा यह भी पढ़े