दो दिन में धुंध और प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर के ऊपर छाई धुंध की खतरनाक परत से दो दिनों के बाद राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग का मानना है कि 6 नवम्बर से हवा की गति के कुछ बढ़ने की संभावना है और यह स्थिति 8 नवम्बर तक बनी रह सकती है। मौसम विभाग के निदेशक आर- विशेन के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में दिल्ली के ऊपर बहने वाली हवा की रफ्रतार बढ़ जाएगी और इसी के साथ वायु प्रदूषण में भी खासी कमी आ जाएगी। ऐसा अनुमान है कि 6 नवम्बर से हवा की रफ्रतार बढ़ने से दिल्ली वालों को स्मॉग से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। तेज हवाओं का सिलसिला 8 नवंबर तक जारी रहेगा
गौरतलब है कि दिल्ली और एनसीआर में शनिवार की भी शुरुआत धुंध की मोटी परत से हुई। हवा में प्रदूषक तत्व खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं। बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर दिल्ली के 1800 स्कूलों को 2 दिनों तक बंद कर दिया गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो स्कूलों को आगे भी बंद रखा जा सकता है।
सुबह की सैर पर न निकलने की सलाहः दिल्ली में बाकायदा चेतावनी जारी की गई है कि लोग घरों से मास्क पहन कर ही निकलें। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे मौसम में सुबह सैर पर नहीं जाना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि दीपावली के बाद राजधानी की आबोहवा स्वास्थ्य के लिए जहरीली हो गई है। हवा में घुले प्रदूषक तत्व सांस के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और ये कई तरह की स्वास्थ समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
सांस के मरीजों की संख्या बढ़ीः दिल्ली में बढ़े प्रदूषण का असर यह है कि अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली में कई जगहों पर कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्र ऽतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इसके चलते हार्ट अटैक का भी ऽतरा होता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ- केके अग्रवाल ने बताया कि कि पीएम-10 और पीएम-25 का स्तर बढने से लोगों के बीमार पड़ने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सुबह 9 बजे पंजाबी बाग में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर 10-1 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) था। वहीं आरके पुरम में 7-8 व मंदिर मार्ग में 5-19 पीपीएम था। जो सामान्य स्तर 4 पीपीएम से ज्यादा था।
आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ- देश दीपक ने कहा कि अस्पताल में सांस की समस्या के साथ आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस मौसम में ऐसा हर साल होता है। उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह का वातावरण है उसमें लोगों को ऽास सावधान रहना चाहिए। सांस के पुराने मरीज ऽास एहतियात बरतें।
साग-सब्जी, फसल सबपर असरः सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी ने कहा कि अगर पिछले एक सप्ताह के आंकड़े देऽें, तो प्रदूषण रात के वत्तफ़ बहुत ज्यादा है। पटाऽों से जो केमिकल निकलते हैं वो हवा में घुलने के बाद जमीन, पानी, सब्जियों, घास, फसलों पर आ जाते हैं। जो ऽाने-पीने और सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि पिछले 17 साल में इस बार बहुत ही ऽराब दृश्यता के साथ सबसे ज्यादा धुंध है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई आँखे  पर 2 नवम्बर को पिछले 17 साल में धुंध का सबसे ऽराब स्तर दर्ज किया गया। सीएसई ने दिल्ली सरकार को भी स्वास्थ्य अलर्ट जारी करने का सुझाव दिया है।
फटकार के बाद जागी सरकारः दूसरी ओर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की फटकार के बाद जागे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। केजरीवाल ने डीपीसीसी द्वारा स्थिति को काबू करने के लिए उठाए गए कदमों पर नाखुशी जाहिर की।
हालत नहीं सुधरी तो आगे भी स्कूल बंदः नडीएमसी में विपक्ष के नेता सुभाष आर्य ने कहा, तीनों नगर निगम के तहत सभी स्कूलों को आज भारी धुंध और प्रदूषण के कारण बंद रखे  गए है। धुंध और प्रदूषण का यहा हाल रहा तो स्कूलों को आगे भी बंद रखा जाएगा। गुरुपर्व पर पटाखे  न छोड़ने की अपीलः  इसके साथ ही बढ़ते पल्यूशन को देऽते हुए दिल्ली सिऽ गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने लोगों से अपील की है कि वे इस बार गुरुपर्व पर पटाऽे न चलाएं। डीएसजीपीसी सदस्य इस अपील को लेकर काफी सक्रिय हैं। धर्म प्रचार कमिटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा ने बताया कि हाल ही में देऽने को मिला कि दिवाली पर किस तरह लोगों ने पटाऽे जलाए और इससे दिल्ली का क्या हाल हुआ। लोग यहां सांस भी नहीं ले पा रहे हैं। स्मॉग के कारण बच्चों और बुजुर्गों को काफी  दिक्कत हो रही है। 14 नवंबर को गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव है।