पटना। गुजरात और बिहार में भले ही भौगोलिक दूरी काफी हो, लेकिन हाल के वर्षों में दोनों राज्यों में होने वाले राजनीतिक उठापठक का असर एक राज्य से दूसरे राज्य को भी पड़ता हे। मंगलवार को गुजरात में राज्यसभा चुनाव किया हुए, इसके परिणाम का सीधे असर बिहार में शासित जनता दल यूनाइटेड में दिखने लगा है। अब यह तय माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष, नीतीश कुमार, देर सवेर शरद यादव को बाहर का रास्ता दिखा सकते है।
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इस बात का पूर्वावलोकन तब दिखा जब पार्टी महासचिव अरुण श्रीवास्तव को इस आधार पर निलंबित कर दिया गया कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश के बावजूद राज्यसभा चुनाव में अपनी मर्जी से मतदान किया। अरूण शरद यादव के करीबी हैं, यह बात किसी से छुपी नहीं है। राज्यसभा चुनाव में नीतीश के अथक प्रयास के बावजूद उनकी मर्जी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अहमद पटैल को वोट दिया।
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क्रोस वोट देने के बाद अपनी मन की बात में नीतीश पर भड़ास निकली थी जो निश्चित रूप से नीतीश या उनके समर्थकों को अच्छी नहीं लगी होगी। नीतीश कुमार के समर्थक मानकर चल रहे हैं कि पार्टी और नीतीश की फजीहत शरद यादव के इशारे पर हो रहा है जो अब हर अवसर पर पार्टी से अलग फैसला ले रहे हैं और अपने खिलाफ कार्रवाई के लिए सबसे को चैलेंज कर रहे हैं।
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