शांति कुंज भगदड़ मामले में सरकार से दस्तावेज तलब

Shanti Kunj stampede case


Shanti Kunj stampede case

भगदड़ में 20 लोगो की हुई थी मौत
अभी तक न कोई कार्रवाई हुई और न ही किसी भी पीड़ित को मिला मुआवजा

नैनीताल। Shanti Kunj stampede case उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने 8 नवम्बर 2011 को शांति कुज हरिद्वार में हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगो की मौत और 67 लोगो के घायल होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से अगले सोमवार तक घटना के समस्त दस्तावेज पेश करने को कहा है।

मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ में न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि शांति कुँज हरिद्वार के परमाध्यक्ष प्रणव पांड्डा ने अपने गुरु श्रीराम शर्मा की 11 नवम्बर 2011 को जन्म शताब्दी मनाई थी जिसमें अलग अलग राज्यो के पाँच मुख्यमंत्रियों सहित कई वीआईपी और करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे।

अभी तक किसी भी पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया

शांति कुँज परिवार ने वीआईपी व आम जनता के लिए हवन करने को अलग अलग व्यवस्था की थी। जहां पर सामान्य लोंगों के लिए हवन करने की व्यवस्था की गई थी वहां पर भगदड़ मचने से करीब 20 लोगो की आकस्मिक मौत तथा 67 लोग घायल हो गए थे। अभी तक किसी भी पीड़ित परिवार को इस घटना का मुआवजा नहीं दिया गया।

इस मामले पर पुलिस द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जब जांच समाप्त हुई तो सरकार ने केस रफा-दफा कर दिया और कहा कि लोकहित देखते हुए इस मामले को आगे नही बढ़ाना चाहती है।

याचिकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना कि है कि इस मामले की पुनः जांच की जाय क्योंकि इतने बड़े आयोजन में पुलिस की सहायता नहीं ली गयी न ही पीड़ितों को इसका मुआवजा ही दिया गया।

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