सभी इंसानों में जन्मजात होता है सदगुण

Sadgun
सभी इंसानों में जन्मजात होता है Sadgun

प्रत्येक मानव में Sadgun जन्मजात यानि पैदा होने के साथ ही पैदा हो जाता है लेकिन उम्र बढने के साथ और स्तिथियों में परिवर्तन के साथ यह खत्म होता जाता है। एक संवेदनशील मनुष्य हमेशा अच्छा और सकारात्मक की सोचता है या जन्मजात रूप में सभी इंसान अनेक सदगुणों से युक्त होते हैं।

अलग-अलग आयु में मनुष्य के सम्मुख को भरने वाले जीवन की असहज, कठिन और असाध्य परिस्थिति है। उन्हें उनकी मूल चेतना वह स्वभाव से विमुख कर देती है। इन परिस्थितियों में यदि कोई इंसान अपने मूल स्वभाव और मानवीय सद्गुणों के साथ डटा रहता है, तो उसका जीवन ना केवल उसके लिए बल्कि जीवन के  सहज मार्ग से भटके हुए दूसरे लोगों के लिए भी विशाल प्रेरणा स्रोत बनता है।

मानव जीवन का यह गुण सबसे महान गुण

यदि मनुष्य हारी-बीमारी में भी अपने विनय सदाचारी दयालु, प्रेमी, करुणामई, परोपकारी, संयमित और मानवीय भावों से पूर्ण व्यवहार को नहीं छोड़ता तो, फिर दुनिया में कोई भी कष्ट उसे कष्ट प्रतीत नहीं होता। इस विशिष्ट गुणों को धारण करने वाले इंसानों के जीवन में मुश्किलें आती भी हैं, पर उन्हें विचलित किए बिना खत्म भी हो जाती हैं।




इस तरह व्यक्तित्व में समाहित प्राकृतिक सद्गुणों के साथ अपनी आत्म चेतना को जीवित रख हम किसी भी तरह की जीवन परिस्थिति में हंसते खेलते समायोजित हो जाते हैं। मानव जीवन का यह गुण सबसे महान गुण है, हालांकि जन्म लेने के साथ ही सभी व्यक्तियों के पास इस तरह जिंदगी को जीने की अर्थव्यवस्था तो होती है परंतु अनेक व्यक्ति  कठिनाइयों के समय अपने व्यक्तित्व के सदगुणों को बोलकर दुर्व्यवहार करने लगते हैं।

मनुष्य के जन्मजात गुण सभी में विद्यमान होते हैं

व्यक्तित्व के आधार पर मनुष्य के जन्मजात गुण सभी में विद्यमान होते हैं। कोई भी किसी भौतिक अभाव के कारण यह नहीं कह सकता कि उसके पास सदगुणों का अभाव है अमीर हो या गरीब। सभी के पास व्यक्तित्व के गुणों की प्राकृतिक संपत्ति तो होती ही है। आवश्यकता मात्र इतनी ही है कि जीवन के दुख पूर्ण और कष्ट साध्य समय में ऐसे गुणों का निरूपण व्यक्ति स्वयं में किस दक्षता के साथ कर सकता है।




ईश्वर ने मनुष्य को इसलिए विशेष बुद्धि प्रदान की है ताकि वह सांसारिक समस्याओं के मध्य गठित भ्रमित और विचलित ना होकर अपने गुणों की सहायता से सदैव स्थिर रहे। वास्तव में सदगुण एक ऐसी पूंजी है, जिसका कभी यह नहीं हो सकता याद रखें विपत्ति मे सदगुण ही काम आता है।

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