Remove encroachment campaign in Dehradun
देहरादून। उच्च न्यायालय के आदेश पर राजधानी के जिला व पुलिस प्रशासन ने सड़कों पर हो रखे अतिक्रमण को सख्ती के साथ ध्वस्त करने की दिशा में अपने कदम आज बढ़ा दिए और अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने उन स्थानों को चिन्हित कर वहां मार्किंग कर यह संदेश दे दिया है कि अब अतिक्रमण पर डंडा ( Remove encroachment campaign) चलकर ही रहेगा।
टास्क फोर्स की मार्किंग से शहरवासियों में दहशत दिखाई देने लगी है और सबको इस बात का खतरा दिखाई दे रहा है कि कहीं इस आॅपरेशन में उनके आशियाने न उड़ जाएं। उत्तराखण्ड की राजधानी दून में कई जगह ऐसी है जहां लोगों ने कई सालों से अतिक्रमण कर कब्जा जमाया हुआ। ऐसे क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने कई बार जोर आजमाइश की लेकिन कभी कभी स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह अपनी कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने में सफल नहीं हो पाए।
आज उच्च न्यायलय के आदेश पर देहरादून शहर से अतिक्रमण हटाओं अभियान ( Remove encroachment campaign ) के तहत उन जगहों का चिन्हिकरण किया गया जहां से कल अतिक्रमण हटाया जाएगा। ज्ञात हो कि मंगलवार को हुई बैठक में अतिक्रमण हटााने का निर्णायक फैसला लिया गया था। मानसून को देखते हुए हाई कोर्ट ने सख्त आदेश जारी कर रखे है कि चार सप्ताह के भीतर इन जगहों से अतिक्रमण हट जाना चाहिए। चिन्हित जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसमें एमडीडीए के वीसी, एमएनए, एडीएम, एसपी सिटी शामिल है।
अतिक्रमण हटाने वाली टास्क फोर्स में पुलिस के 300 सिपाही भी शामिल
अतिक्रमण हटाने वाली टास्क फोर्स में पुलिस के 300 सिपाही भी शामिल रहेंगे। बता दें कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को इस अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस अभियान के तहत दून को चार अलग जोन में बांटा गया है जहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा। पहले चरण में नेहरू कालोनी, बिंदाल, रिस्पना के आसपास से अतिक्रमण हटाया जायेगा तथा इसके बाद टीमें आगे बढ़ेंगी।
पूरे अभियान की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई जाएगी। रेजिडेन्सियल क्षेत्रों को कॉमर्शियल में इस्तेमाल करने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करते हुए उनके निर्माण को सील करेगा। अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने साफ आदेश जारी कर रखे हंै कि इस अभियान में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, एमडीडीए समन्वय बनाकर काम करें। बता दें कि न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट और नगर निगम के चिन्हीकरण पर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
माना जा रहा है कि अभियान में सहयोग करने वाले अतिक्रमणकारियों को भविष्य में पुनर्वास के लिए राहत मिल सकती है लेकिन अतिक्रमण हटाने में सहयोग न करने वालों को सूचीबद्ध कर सरकार उनके साथ सख्ती से पेश आ सकती है। अतिक्रमण हटाओ अभियान की सूचना मिलते ही दून वासियों में हलचल मची हुई है और उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं उनके आशियाने उजड़ न जाएं।