रथयात्रा सूबे के लिए दिवालिया रथयात्रा साबित हुईः मायावती

mayawati

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्राी मायावती ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्राी अखिलेश यादव की श्विकास रथयात्राश् सूबे के लिए ‘दिवालिया रथयात्रा’ साबित हुई है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा के साथ चलने वाले हुड़दंगबाजों ने रास्ते में जो भी मिला उसको लूटते-खसोटते चले गये और पुलिस तमाशाबीन बनी रही।
मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि गुरूवार को कुछ किलोमीटर चलकर शुरू होने वाली रथ यात्रा का प्रारम्भ में ही दिवाला निकल गया। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का विकास तभी माना जाता है जब उसका काम बोलता है, परन्तु मुख्यमंत्राी को अपने गुमनाम होने की शिकायत है कि लोग उन्हें नहीं पहचानते। इसी प्रकार उनके विकास के दावे की भी हवा-हवाई हैं, क्योंकि विकास के दावों का लाभ लोगों को अब तक मिलना शुरू ही नहीं हुआ है। लोग पूछते हैं कि क्या बहु-प्रचारित श्लऽनऊ मेट्रो सेवाश् शुरू हो गई है? क्या अन्य योजनायें जमीनी हकीकत में बदल गई है? इसलिए केवल शिलान्यास कर देने, घोषणा कर देने से या फिर आधा अधूरे  कार्यों का उद्घाटन कर देने को विकास नहीं कहा जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्राी ने कहा कि अगर सपा सरकार ने जनहित व जनकल्याण के वास्तविक काम किए होते तो पिफर उन्हें भारी सरकारी शान-शौकत के साथ यह श्विकास रथयात्राश् निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सपा सरकार के कार्यकाल में घोर जातिवाद, द्वेष व भ्रष्टाचार एवं जंगलराज का बोलबाला रहा है। इसके लिये अनेकों बार उच्च न्यायालय से सपा सरकार को पफटकार मिली है। मायावती ने कहा कि डेंगूे जैसे घातक बीमारी ने महामारी का रूप धरण कर लिया तब हाईकोर्ट को कापफी सख्ती के साथ इस मामले में भी दखल देना पड़ा। परन्तु मुख्यमंत्राी इन बातों के मद्देनजर शर्मिन्दा व सतर्क होकर काम करने के बजाय श्एम्बुलेन्स सेवा’ का ही ढिंढ़ोरा पीटते रहे हैं।
बसपा प्रमुऽ ने कहा कि सपा सरकार को प्रदेश की 22 करोड़ जनता का ख्याल रऽने की संवैधनिक जिम्मेदारी है, वह केवल कुछ जिला स्तर व मण्डल स्तर पर इक्का-दुक्का विकास की बात करके लोगों का वोट हासिल करना चाहते हैं। यह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा से सपा की मिलीभगत है। इसलिए मुख्यमंत्राी अखिलेश  प्रधनमंत्राी नरेंद्र मोदी के खिलाफ इशारों-इशारों में बाते करते हैं और खुलकर आलोचना करने में हिचकिचाते हैं। परन्तु बसपा के खिलाफ गलत आरोप व अनर्गल बातें करने में बाप से भी दो कदम आगे रहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्राी ने कहा कि सदियों से उपेक्षित दलितों व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर व उनके आदर-सम्मान में बसपा सरकार द्वारा बनाये गये कुछ जरूरी भव्य स्थलों, स्मारकों व पार्कों आदि को पिफजूलखर्ची बताकर व अनादर करके मुख्यमंत्राी केवल ओछी व जातिवादी राजनीति कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि वह अपनी संकीर्ण व जातिवादी सोच के साथ लोहिया पार्क व इटावा में मौज-मस्ती के लिए लायन सपफारी बनवाये हैं। सैपफई महोत्सव आदि पर करोड़ों-अरबों रुपयों के सरकारी ध्न के खर्च को मुख्यमंत्राी पिफजूलखर्ची मानने को तैयार नहीं है। यह सपा सरकार का दोहरा चाल, चरित्रा व चेहरा है।