‘रंगून’ भी फंसी कानूनी फंदे में

Rangoon

मुंबई,। हाल ही में रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी 2 के बाद अब विशाल भारद्वाज की फिल्म रंगून भी कानूनी फंदे में फंसती नजर आ रही है। इस फिल्म में कंगना द्वारा निभाए गए किरदार जूलिया को लेकर अदालत में मामला दर्ज कराया गया है। मुंबई हाईकोर्ट में वाडिया मूवीटोन कंपनी की ओर से रंगून का निर्माण करने वाले निर्माता साजिद नडियाडवाला और निर्देशक विशाल भारद्वाज के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। आगामी 20 फरवरी को इस केस की सुनवाई होनी है।
ये पूरा मामला कंगना के किरदार को लेकर है, जो 50 के दशक में फिल्मों में काम करने वाली नाडिया को लेकर है, जिनको फियरलैस नाडिया कहा जाता था और उन्होंने कई फिल्मों में एक्शन रोल किए। कंगना ने बातचीत की थी, तो अपने किरदार को लेकर कंगना ने कहा था कि हम इस किरदार को किसी पुराने कलाकार के नाम से नहीं जोड़ना चाहते, ताकि कोई कानूनी परेशानी न हो। कंगना का कहना था कि उस दौर में कई महिला कलाकारों ने फिल्मों में एक्शन रोल किए थे। कंगना जिस कानूनी परेशानी से दूर रहने की बात कर रही थीं, वो ही आज फिल्म के लिए संकट बनकर आ गई है, क्योंकि अगले शुक्रवार, 24 फरवरी को ये फिल्म रिलीज होनी है। अब 20 फरवरी को अदालत की सुनवाई के बाद ही इस फिल्म का भविष्य साफ हो पाएगा।
केस दर्ज करने वाली कंपनी वाडिया मूवीटोन की ओर से राव वाडिया ने केस दर्ज किया है, जो इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और वह जेबीएच वाडिया के प्रपौत्र हैं। 50 के दशक में जेबीएच वाडिया की फिल्मों में ही फियरलैस नाडिया ने एक्शन रोल किए थे। फियरलैस नाडिया के नाम से मशहूर हुई कलाकार का नाम मैरी एवंस था, जो आस्ट्रेलिया से थीं, लेकिन भारत में उस दौर में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और वे एक्शन को लेकर रातोंरात स्टार बन गई थीं। राव वाडिया का दावा है कि जूलिया का किरदार फियरलैस नाडिया के किरदार से प्रेरित है, जबकि उनकी कंपनी के पास उनके किसी भी किरदार को लेकर कॉपी राइट्स हैं। वे रंगून में कंगना के किरदार को कॉपी राइट्स के उल्लंघन का मामला मानते हैं और इसीलिए वे मामले को हाईकोर्ट में ले गए। राव ने 2006 में यूटीवी को फियरलैस नाडिया की जिंदगी पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन बात नहीं बनी।
राव नाडिया का कहना है कि उसके बाद जूलिया नाम से फिल्म बनाने की घोषणा हुई। वाडिया ने एतराज किया, तो जूलिया को बंद कर दिया गया। 2008 में राव वाडिया ने नाडिया पर फिल्म बनाने के अधिकार एक जर्मन कंपनी को भेज दिए। जब रंगून बननी शुरू हुई, तो राव वाडिया ने एक बार फिर विरोध जताया, लेकिन उनके विरोध को अनसुना कर दिया गया। रंगून के प्रोमो देखने के बाद राव वाडिया ने मामले को हाईकोर्ट ले जाने का फैसला किया। विशाल भारद्वाज की ओर से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। फिल्म का निर्माण करने वाली कंपनी नडियाडवाला ग्रैंडसन के सूत्रें का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद कंपनी के वकीलों की ओर से जवाब तैयार किया जाएगा। जाहिर है कि अब 20 फरवरी को हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान ही रंगून का भविष्य स्पष्ट हो सकेगा।