नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के रामजस काॅलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) और आॅल इण्डिया स्टूडेंट एसोसिएसन (आइसा) के बीच हुई झड़प के बाद रामजस काॅलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष ने उमर खालिद और कन्हैया कुमार के बहिष्कार करने का आवाहन किया है ।
रामजस काॅलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष योगिता राठी का कहना है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश विरोधी नारे लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार जैसे लोगों का समाज से बहिष्कार किया जाना चाहिए। हंसराज काॅलेज में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति के नाम पर सार्थक चर्चा हो, लेकिन उसकी आड़ में देश विरोधी बातें नहीं की जानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान डूसू उपाध्यक्ष प्रियंका छावड़ी ने कहा कि आज तथाकथित बुद्धिजीवी अभिव्यक्ति के लिए नहीं बल्कि अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं।
पिछले चार साल से डूसू में एबीवीपी का बोलबाला है और हमारा संगठन युवाओं का सकारात्मक मार्गदर्शन कर रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अलगाव की बात युवा बर्दाश्त नहीं करेंगे। वास्तविकता तो ये है कि वाम समर्थित छात्र संगठनों का चरित्र दोहरा है जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में जामिया में शाजिया इल्मी को तीन तलाक के मुद्दे पर बोलने से रोक दिया गया, जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वास्तविक रुप में हनन है।