Provincial block public works department
‘देवभूमि जनसेवा’ समिति 26 अक्टूबर को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमे प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग ( Provincial block public works department ) की लापरवाही और अनदेखी पर उचित कार्यवाही की मांग की है। समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि बार बार ‘देवभूमि जनसेवा’ समिति, विभाग को उनकी खामियों और लापरवाही की सूचना देती रही।
बावजूद इसके, विभाग की अनदेखी/लापरवाही बदस्तूर जारी है। पूर्व में कई बार प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग को भेजी लिखित सूचनाओं और करीब ₹45 लाख की कीमत के टेंडर की प्रतियां संलग्न कर अवगत कराया गया था। सौंदर्यीकरण, पर्यटकों और राहगीरों हेतु, साल भर पूर्व शहर भर की सड़कों में करीब ₹45 लाख की कीमत से केंटीलीवर बोर्ड (दिशा सूचक) लगवाए गये। एक बोर्ड की कीमत,23 हजार है जो 200 के करीब लगाए गए थे।
‘देवभूमि जनसेवा’ समिति द्वारा हरिद्वार रोड, ईसी रोड, राजपुर रोड, गांधी रोड आदि स्थानों पर क्षतिग्रस्त दिशा सूचक बोर्डों की लिखित सूचना 12 फरवरी 2018 को अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग को दी गयी। जिसके बाद विभागधिकारी, समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी संग शहर भर में उन सभी बोर्डों को चिन्हित करने पहुंचे। कुछ समय बाद ही, सभी बोर्डों को दुरुस्त करवा दिया गया।
हिंदी भाषा में भारी त्रुटियां देखने को मिली
कुछ माह बाद अन्य स्थानों पर भी क्षतिग्रस्त बोर्ड के साथ ही हिंदी भाषा में भारी त्रुटियां देखने को मिली। दिनांक 5 अप्रैल 2018 को पुनः ‘देवभूमि जनसेवा’ समिति द्वारा अधिशासी अभियंता, प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग को विभिन्न स्थानों पर दिशा सूचक बोर्डों में त्रुटियों और क्षतिग्रस्त होने की लिखित सूचना दी।
जिसके बाद से नेगी लगातार, विभागाधिकारियों को फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से उनकी खामियों से अवगत कराते रहे। जिनमें, गलत दिशा दर्शाते तहसील चौक स्थित बोर्ड के स्थान पर नया बोर्ड लगाया जाना, दर्जनों बोर्डों में गलत दिशाओं और स्थान विशेष के नामों को सही करना प्रमुख हैं।
राजपुर रोड में डी एल रोड मोड़ पर लगा दिशा सूचक बोर्ड, गढ़ी कैंट की दिशा राजपुर/मसूरी की ओर दर्शा रहा। जबकि, गढ़ी कैंट का मुख्य मार्ग उक्त बोर्ड से काफी पहले दिलाराम चौक से राजभवन/मुख्यमंत्री आवास की ओर जाता है।
राष्ट्रपति आशियाने के निकट लगा दिशा सूचक
इसी प्रकार राजपुर रोड में राष्ट्रपति आशियाने के निकट लगा दिशा सूचक, एन आई वी एच की दिशा जाखन/राजपुर की ओर दर्शा रहा। जबकि, एनआईवी एच उक्त बोर्ड से काफी पहले स्थित है। यहां एक बात और स्पष्ट करनी आवश्यक है कि अब एन आई वी एच (NIVH) का नाम, एनआईईपीवीडब्ल्यू (NIEPVD) हो चुका है।
बार बार जगाने के बाद भी विभाग की अनदेखी और लापरवाही, कम होने का नाम नहीं ले रही। सरकारी संपत्ति के बार बार क्षतिग्रस्त/गुम होने पर भी विभाग बेखबर बना हुवा है। धर्मपुर चौक (अग्रवाल बेकर्स के निकट), राजपुर रोड (होटल ग्रेट वैल्यू के निकट), दिलाराम चौक (राज प्लाजा के निकट) केंटीलिवर बोर्ड गायब हुवे लम्बा समय बीतने को है।
उपरोक्त बोर्डों के गायब होने के बाद से मौके पर सिर्फ, लोहे की रॉड ही जमीन में गढ़ी नजर आ रही है। इसी प्रकार रेसकोर्स चौक के निकट लगा बेशकीमती केंटीलिवर बोर्ड, लम्बे समय से अधीक्षण अभियंता गढ़वाल परिक्षेत्र (वितरण) कार्यालय के पास पड़ा है।











