बच्चों के खिलाफ उत्पीड़न एवं लैगिंग अपराधो को गंभीरता से ले

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अल्मोड़ा। बाल अधिकारो के संरक्षण के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे, यह बात जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने आज राजकीय बाल गृृह (किशोरी) बख में आयोजित बाल अधिकारो के संरक्षण सम्बन्धित बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा लगातार ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जा रहे है जहॉ पर बाल अपराध की घटनायें हो रही है। उन्होंने कहा कि शिशु सदन एवं बाल गृह (किशोरी) में समय-समय पर मेरे या अन्य अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ उत्पीड़न एवं लैगिंग अपराधो को गम्भीरता से लिया जायेगा तथा इसके लिए पटवारी क्षेत्रों में एफ0आई0आर0 में तेजी लाने के निर्देश उपजिलाधिकारियों को दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बाल श्रमिको की संख्या में कमी लाने के लिए इसके प्राविधानो को सख्ती से सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को बाल अधिकारो एवं इनके संरक्षण के लिए स्वयं आगे आना होगा।
विद्यालयों में अध्यापको को प्रशिक्षित कर पोक्सो की जानकारी प्रदान करने के साथ ही तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारियो द्वारा बाल कल्याण समिति की टीमें क्षेत्र में हो रही बाल अपराधो को चिन्हित कर उनके विरूद्व कड़ी कार्यवाही करेंगे। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिये कि बाल किशोरी गृह में 18 वर्ष पूर्ण करने के पश्चात् उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जनपद में स्थित होटल मैनेजमेंट एवं आवासीय विश्व विद्यालय में 02-02 सीटे इन बालिकाओं के लिए रिजर्व किये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाय। उन्होंने बताया कि जनपद में लगभग 40 अति कुपोषित बच्चों को जनपद स्तरीय अधिकारियों ने गोद लिया है तथा उनकी देखभाल की जाती है। उन्होंने कहा कि चाइल्ड हैल्प लाईन न0 1098 का व्यापक प्रचार-प्रसार कर बाल अपराधो से सम्बन्धित शिकायते लोग कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओपीडी पर्ची सहित राजकीय कार्यालयों में जो बिल प्राप्त होते है उनपर भी इस नम्बर को अंकित कर प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
बैठक में उपस्थित नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जनपद में भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के प्राविधानों को सख्ती से अमल कराया जाना चाहिए इसके साथ ही जागरूकता से भी बाल अधिकारों का संरक्षण किया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित, विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव शेषचन्द्र, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ललित दोसाद, किशोर न्याय बोर्ड की हेमलता भटट, चाइल्ड लाईन संस्था के शंकरानन्द साह, ग्रास संस्था के गोपाल चौहान, बाल कल्याण समिति की निर्मला, अर्चना कोठारी, अमन संस्था के रघुवरदत्त तिवारी सहित अन्य लोगो ने अपने-अपने विचार रखते हुए कहा कि बाल अधिकार संरक्षण अति संवेदनशील मुददा है इस पर सभी लोगो को विचार करने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि बाल मजदूरी को रोकना एवं भिक्षावृत्ति को रोककर बाल अधिकारों का संरक्षण किया जा सकता है।
इसके साथ-साथ जागरूकता भी इसमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। नशे के बढ़ते चलन को भी सख्ती से रोका जाना चाहिए इसके लिए पुलिस एवं जिला प्रशासन को पहल करनी होगी। दिन प्रतिदिन बढ़ रही लैगिंग घटनाओं को रोकने के लिए पोक्सो में निहित प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। इस बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी राजीव नयन तिवारी ने किशोरी गृह, शिशु बाल गृह में चल रहे क्रिया-कलापो के बारे में बताया। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी जगमोहन सिंह, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डा0 बी0एल0 आर्या, महाप्रबन्धक उद्योग दीपक मुरारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य भगवत सिंह बिष्ट, प्रधानाचार्य पौलीटैक्नीक ए0ए0 हाशमी, मंगलदीप विद्यालय की कु0 नीता पंत, कु0 भारती पाण्डे, शिशु सदन की अधीक्षिका मंजू उपाध्याय सहित विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पूर्व जिलाधिकारी ने शिशु सदन का निरीक्षण कर प्रोबेशन अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सर्दियों के मौसम में बच्चों को ठण्ड न लगे इसके लिए ब्लौअर लगायें जाय। साथ ही उन्होंने किचन, शौचालय, शयन कक्ष आदि का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सी0सी0टी0वी0 कैमरे के लिए यथाशीघ्र हार्ड डिस्क खरीदने के निर्देश दिये साथ ही उन्होंने कहा कि यहॉ से गोद लिए गये बच्चों की जानकारी भी समय-समय पर प्राप्त कर ली जाय।